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अमरिंदर सिंह ही रहेंगे पंजाब के कैप्टन, सिद्धू की नाराजगी भी दूर की जाएगी

पंजाब में मचे घमासान पर पार्टी के 3 सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी है. पंजाब में जारी अंतर्कलह को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने मलिकार्जुन खरगे हरीश रावत और जयप्रकाश अग्रवाल के कमेटी बनाई थी.

Updated on: 10 Jun 2021, 08:11 PM

नई दिल्ली:

पंजाब में मचे घमासान पर पार्टी के 3 सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी है. पंजाब में जारी अंतर्कलह को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने मलिकार्जुन खरगे हरीश रावत और जयप्रकाश अग्रवाल के कमेटी बनाई थी. कमेटी ने चार पन्ने की रिपोर्ट आज दोपहर में सोनिया गांधी को भिजवाई है. सूत्रों के मुताबिक तमाम विधायकों ने अमरिंदर के नेतृत्व पर विश्वास जताया है और उन्हीं के कप्तानी में चुनाव लड़ने की बात कही. हालांकि ये बात भी सच है कि पंजाब के मुख्यमंत्री की विधायकों से दूरी और फोन पर ना उपलब्ध होने को लेकर भी शिकायतें आई है. हालांकि कैप्टन अमरिंदर ने अपनी सफाई में कोरोना का हवाला दिया. 

तमाम विधायकों से बातचीत में भी कैप्टन के खिलाफ कोई गुटबाजी सामने नहीं आई है और ना ही सिद्धू के समर्थन में कोई विधायकों का समूह एकजुट हुआ है. पर कमेटी का यह मानना है कि सिद्धू की नाराजगी को भी दूर किया जाना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में संगठन को लेकर फेरबदल की जरूरत पर भी कमेटी ने ज़ोर दिया है. दरअसल इस वक्त सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष है. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने इस्तीफा जरूर दिया था पर उस को मंजूरी नहीं मिली थी.लगभग 1000 ऐसे पद हैं जो खाली पड़े हैं और चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं को तवज्जो देते हुए उनको भरा जाए.

प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका को लेकर भी कमेटी बहुत खुश नहीं है . दो साल से प्रदेश में संगठन की निष्क्रियता एक बड़ी चिंता की वजह है. ऐसे में संभवत पंजाब का प्रदेश अध्यक्ष बदला जा सकता है. संगठन में नाराज़ नेता और कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए सरकारी सोसायटी मैं भी नियुक्ति का भी सुझाव दिया है.