गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस पर आनंदपुर साहिब में सर्वधर्म सम्मेलन, ‘धर्म जोड़ता है, तोड़ता नहीं’— आचार्य लोकेश मुनी

गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस पर सोमवार को आनंदपुर साहिब में एक भव्य सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया.

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Ravi Prashant
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गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस पर सोमवार को आनंदपुर साहिब में एक भव्य सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया.

श्री आनंदपुर साहिब में गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस पर सोमवार को भव्य सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों के संत, महात्मा और प्रतिनिधि शामिल हुए. जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनी भी इस ऐतिहासिक आयोजन में उपस्थित रहे. उन्होंने इस सम्मेलन को भारत की सद्भावना और एकता की ताकत बताते हुए कहा कि यह आयोजन सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि पूरे देश को संदेश देने वाला क्षण है.

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उनका त्याग हमेशा याद रहेगा

आचार्य लोकेश ने कहा कि गुरु तेग बहादुर की शहादत ने भारत की आत्मा को नया बल दिया और आज विश्व में भारत जिस सम्मान के साथ खड़ा है, उसमें उनका त्याग हमेशा आधार रहेगा. उन्होंने कहा कि “सर्वधर्म सम्मेलन यह दर्शाता है कि भारत की शक्ति उसकी आध्यात्मिक एकता में है. गुरुतेग बहादुर जी की शहादत ने मानवाधिकार की रक्षा की, धर्म की स्वतंत्रता की रक्षा की और इसी वजह से भारत आज गर्व से मस्तक ऊंचा करके खड़ा है.”

भारत को गौरवशाली बनाना है

धर्मगुरुओं ने एक स्वर में कहा कि अब समय आ गया है कि देश के 140 करोड़ नागरिक एक संकल्प के साथ आगे आएं. भारत को और भव्य, गौरवशाली और वैभवशाली बनाने के लिए आपसी एकता जरूरी है. यही गुरु तेग बहादुर जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. सभी संतों ने कहा कि आने वाला भारत आध्यात्मिक रूप से और मजबूत हो, यही हमारा संकल्प होना चाहिए.

सभी धर्मों का समागम

आचार्य लोकेश मुनी ने पंजाब सरकार की सराहना करते हुए कहा कि श्री आनंदपुर साहिब में किया गया यह आयोजन बेहद सराहनीय है। इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, यहूदी, जैन, आर्ट ऑफ लिविंग और ब्रह्मकुमारी सहित कई धर्मों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि यह विविधता भारत की पहचान है और गुरु तेग बहादुर जी का सम्मान करने का यही सही तरीका है.

अपने संदेश में आचार्य लोकेश मुनी ने स्पष्ट कहा कि “धर्म हमें जोड़ना सिखाता है, तोड़ना नहीं. धर्म के क्षेत्र में हिंसा, घृणा और भेदभाव का कोई स्थान नहीं हो सकता. सभी धर्मों का सम्मान ही भारत की आत्मा है” लसर्वधर्म सम्मेलन ने एक बार फिर भारत की आध्यात्मिक विरासत और गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत की अमरता को याद दिलाया, जिसने पूरे देश को एकता का संदेश दिया.

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