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SYL: पंजाब की नदियों पर समझौते को लेकर अकाली दल की सीएम मान को चेतावनी

शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पंजाब की नदियों के पानी को पंजाब और हरियाणा के बीच एक समझौता योग्य मुद्दे में बदलने के खिलाफ चेतावनी दी है. एसएडी अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि यह चौंकाने वाला है कि मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर अपने हरियाणा समकक्ष (सीएम) के साथ बैठक करने से पहले पंजाब सरकार का रुख स्पष्ट नहीं किया. उन्होंने कहा कि नदी के पानी पर पंजाब का विशेष अधिकार है और गैर-रिपेरियन राज्य होने के कारण इस मामले में हरियाणा का कोई अधिकार नहीं है. हरियाणा के साथ यहां चर्चा करने के लिए कुछ भी नहीं है.

Updated on: 11 Oct 2022, 08:53 PM

चंडीगढ़:

शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पंजाब की नदियों के पानी को पंजाब और हरियाणा के बीच एक समझौता योग्य मुद्दे में बदलने के खिलाफ चेतावनी दी है. एसएडी अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि यह चौंकाने वाला है कि मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर अपने हरियाणा समकक्ष (सीएम) के साथ बैठक करने से पहले पंजाब सरकार का रुख स्पष्ट नहीं किया. उन्होंने कहा कि नदी के पानी पर पंजाब का विशेष अधिकार है और गैर-रिपेरियन राज्य होने के कारण इस मामले में हरियाणा का कोई अधिकार नहीं है. हरियाणा के साथ यहां चर्चा करने के लिए कुछ भी नहीं है.

बादल का यह बयान तब आया है जब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि वह 14 अक्टूबर को चंडीगढ़ में सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को लेकर अपने पंजाब समकक्ष (सीएम) से मुलाकात करेंगे.

यह कहते हुए कि कोई भी देश रिपेरियन अधिकारों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत सिद्धांत के खिलाफ नहीं जा सकता है, बादल ने कहा, यदि गैर-रिपेरियन हरियाणा को पंजाब के नदी जल में हिस्सेदारी की मांग करने की अनुमति दी जाती है, तो तमिलनाडु या बंगाल या केरल, रावी, सतलुज और ब्यास नदियों के संबंध में सभी गैर-रिपेरियन राज्यों को इसकी मांग करने से कौन रोक सकता है. इसी तरह पंजाब को गोदावरी या गंगा से पानी की मांग करने से कौन रोक सकता है.

बादल ने यह भी कहा कि सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का मुद्दा 2016 में बंद कर दिया गया था, जब प्रकाश सिंह बादल सरकार ने एसवाईएल की स्थापना के लिए ली गई जमीन को गैर-अधिसूचित कर दिया था और इसे अपने मूल मालिकों को सौंप दिया था. मुख्यमंत्री से हवा साफ करने के लिए कहते हुए बादल ने कहा कि पंजाबियों के मन में गहरी गलतफहमी है कि आप सरकार अपनी नदियों का पानी हरियाणा और दिल्ली को सौंपने की प्रक्रिया में है.

उन्होंने कहा कि हाल ही में हरियाणा के दौरे के दौरान मान ने इस प्रस्ताव का समर्थन भी किया था जिसे आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनकी मौजूदगी में ऐलान किया था. उन्होंने कहा, इससे पहले भी दिल्ली में आप सरकार ने शीर्ष अदालत में हरियाणा के साथ समान हलफनामा पेश किया है और अपनी पंजाब विरोधी स्थिति स्पष्ट की है. लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री ने न तो राज्य का रुख स्पष्ट किया और न ही पंजाबियों को स्पष्ट रूप से कहा कि वह पंजाब से पानी की एक बूंद हरियाणा को नहीं देंगे.

यह कहते हुए कि पूरा राज्य एक रेगिस्तान में बदल जाएगा और इसकी कृषि अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी यदि पंजाब में आप सरकार हरियाणा को पानी छोड़ने के लिए अपने आलाकमान के दबाव के आगे झुक जाती है, बादल ने कहा कि अकाली दल पंजाब के नदी जल अधिकारों की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है. उन्होंने कहा, हमने पूर्ववर्ती केंद्र सरकारों के साथ-साथ अदालतों को भी यह स्पष्ट कर दिया है. हम आप को अपने आलाकमान को खुश करने के लिए राज्य के नदी जल अधिकारों को बेचने की अनुमति नहीं देंगे.