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सत्ताधारी कांग्रेस ने पंजाब के लाखों सरकारी कर्मचारियों को लूटा- आप

नई पेंशन योजना के विरोध में पंजाब सरकार और वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के विरोध का जिक्र करते हुए आप ने कहा कि पंजाब सरकार पेंशनभोगियों की कमाई पर सांप की तरह बैठी हुई है.

Updated on: 21 Dec 2021, 10:03 PM

नई दिल्ली:

एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) के स्थान पर 2003 की पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर जोर देते हुए आम आदमी पार्टी ने सत्ताधरी कांग्रेस पार्टी पर लाखों पेंशन धारकों और वर्तमान कर्मचारियों की पीठ में छूरा घोंपने का आरोप लगाया. नई पेंशन योजना के विरोध में पंजाब सरकार और वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के विरोध का जिक्र करते हुए आप ने कहा कि पंजाब सरकार पेंशनभोगियों की कमाई पर सांप की तरह बैठी हुई है.

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में आप के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने पेंशन योजना के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को लताड़ा और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर तंज कसते हुए कहा कि आम आदमी का सीएम होने का दावा करने वाले चन्नी ने विरोध करने वाले पेंशनभोगियों को 5 घंटे इंतजार कराकर सिर्फ 3 मिनट के लिए मिले. पेंशनभोगी उनसे कुछ बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.

2004 की नई पेंशन योजना, जिसे बाद में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) का नाम दिया गया था, तब से ही पंजाब के सरकारी कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं. चीमा ने आरोप लगाया कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस ने 2017 में कांग्रेस सरकार बनने पर पंजाब में पुरानी पेंशन योजना को वापस लाने का वादा किया था और राजनीतिक लाभ के लिए कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के इस मुद्दे का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हर दूसरे वादे की तरह यह वादा भी झूठा साबित हुआ. कांग्रेस सरकार सत्ता में आने के बाद 2017 से ही पेंशनधारी सरकारी कर्मचारियों को लूट रही है. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने सातवां वेतन आयोग लागू करना तो दूर, छठा वेतन आयोग (जिसे 1 जनवरी 2016 से लागू होना चाहिए था) को भी आज तक लागू नहीं किया है.

वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की आलोचना करते हुए चीमा ने कहा कि 2016 के वेतन आयोग में महंगाई भत्ता 125 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई थी और विधानसभा व कैबिनेट में भी 2.59 का गुणा करने का फैसला किया गया था. लेकिन 'मनप्रीत कमिशन' ने इस राशि को घटाकर 113 और 2.42 गुणा कर अपनी सुविधानुसार हमेशा की तरह खजाना खाली है का दावा कर दिया. उन्होंने कहा कि मनप्रीत बादल के खजाने में पेंशनभोगियों, पंजाब के कर्मचारी और आम लोगों के लिए एक पैसा भी नहीं छोड़ा. उन्होंने 2022 के चुनाव के बाद पिछले पांच वर्षों के बकाया भुगतान की सरकार की योजना का भी मजाक उड़ाया, वह भी साढ़े चार साल में 9 किस्तों में. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता आश्वस्त है कि वे सत्ता में वापस नहीं आएंगे. इसलिए वे इस तरह के भुगतान को स्थगित कर रहे हैं. उन्होंने पूछा, अगर पेंशनभोगी की उम्र 75 या 80 साल से अधिक है, और उसे अभी इस पैसे की जरूरत है, तो यह 9 किस्तों वाली योजना उनका क्या भला करेगी.