आम आदमी पार्टी (आप) ने करोड़ों रुपये के ड्रग्स मामले में घिरे बादल परिवार के सदस्य और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को अभी तक गिरफ्तार नहीं करने के लिए कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाए. आप ने चन्नी सरकार से पूछा कि वे बिक्रम मजीठिया को पकड़ने में नाकाम क्यों हो रहे हैं. जबकि अखबारों में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू मजीठिया के खिलाफ हुई एफआईआर का प्रचार ऐसे कर रहे हैं जैसे कोई बहुत बड़ी जंग जीत ली हो. उन्होंने कहा कि चन्नी और सिद्धू यह स्पष्ट करें कि क्या ड्रग्स मामले में उनकी कार्रवाई सिर्फ एक एफआईआर और कुछ बयानों तक ही सीमित रहने वाली है.
आप के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में चन्नी सरकार की आलोचना की और ड्रग माफिया के खिलाफ सरकार के खराब प्रदर्शन पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ''बिक्रम मजीठिया कोई आम आदमी नहीं है जो पुलिस या सरकारी रडार से बच गए. वह कैसे और कहां शरण ले सकता है, सब पुलिस को पता होगा. आश्चर्य की बात है कि साइबर सेल समेत एसटीएफ और एसआईटी भी मजीठिया को पकड़ने में फेल हो जाए. यह सरकारी सुरक्षा के बिना संभव नहीं हो सकता. उन्होंने आगे कहा कि हम पहले दिन से ही कहते आ रहे हैं कि मजीठिया के खिलाफ एफआईआर सिर्फ सियासी ढोंग है जो कांग्रेस सरकार लोगों की आँखों में धूल झोंकने के लिए कर रही है.
चीमा ने कांग्रेस सरकार द्वारा की गई इकलौती एफआईआर की निंदा करते हुए कहा, साढ़े चार साल से उन्होंने (कांग्रेस सरकार) ड्रग माफिया के किसी बड़े मगरमच्छ को नहीं पकड़ा क्योंकि नशे के इन बड़े सौदागरों को कैप्टन, कांग्रेस समेत केंद्र की बीजेपी सरकार भी समर्थन कर रही है. यह सारा ड्रामा सिर्फ राजनीतिक मंसूबों को पूरा करने के लिए हो रहा है. तभी कांग्रेस एफआईआर दर्ज कर ड्रग्स के खिलाफ पूरी जंग जीतने का नाटक कर रही है. लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस सरकार अभी तक मजीठिया को गिरफ्तार नहीं कर पाई हैं और राज्य में अभी भी ड्रग्स की अंधाधुंध बिक्री हो रही है. उन्होंने संदेह जताया कि पहले वाले एजी ऐसे राजनेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते थे. कहीं अब नवजोत सिंह सिद्धू के चहेते भी इसमें मिले तो नहीं है. कहीं वे मजीठिया की अग्रिम जमानत मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
हरपाल चीमा ने इतनी देर से की गई कार्रवाई पर कांग्रेस से जवाब मांगा कि वह तीन साल तक झूठ क्यों बोलती रही क्योंकि 2018 में ही इसकी रिपोर्ट तैयार हो गई थी, लेकिन वह रिपोर्ट अभी तक उच्च न्यायालय में एक सीलबंद लिफाफे में बंद है. जबकि ऐसी कोई कानूनी मजबूरी नहीं थी कि रिपोर्ट सार्वजनिक करने या कार्रवाई करने के लिए पंजाब सरकार के हाथ बंधे हो. उन्होंने कहा कि अब भी राजनीतिक ड्रामे के इस चक्र में कांग्रेस सरकार ने पंजाब के लोगों के टैक्स के करोड़ों रुपये बेकार किए. एक तरफ सरकार दिल्ली से महंगे वकील ला रही है तो दूसरी तरफ मजीठिया भी सरकारी मिलीभगत और 10 साल के माफिया शासन के दौरान लोगों से लूटे गए पैसे लेकर फरार हो गया है. इन सब ड्रामे का खामियाजा पंजाब के लोग भुगत रहे हैं. चीमा ने पूरे मामले में पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि चन्नी सरकार बिना किसी संदेह के लोगों को बताए कि अब तक मजीठिया की किन-किन संपत्तियों पर छापेमारी हुई है. अब तक उसके कितने करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं. पंजाब की जनता यह सब जानना चाह रही है क्योंकि पंजाब के खजाने से ही इस झूठी कार्रवाई पर पैसा लुटाया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau