बादलों और चन्नी की मिलीभगत से मजीठिया को जमानत मिली- भगवंत मान

चीमा ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद गठित उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा नशा तस्करी मामले की जांच की गई थी जिसकी रिपोर्ट में अकाली नेता का नाम सामने आया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मजीठिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

चीमा ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद गठित उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा नशा तस्करी मामले की जांच की गई थी जिसकी रिपोर्ट में अकाली नेता का नाम सामने आया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मजीठिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

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Satyam Dubey
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Bhagwant Mann

Bhagwant Mann ( Photo Credit : Twitter- @BhagwantMann)

सोमवार को जारी एक बयान में भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा सड़क से लेकर विधानसभा तक नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ साथ लिफाफे में बंद नशा तस्करी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग भी की जा रही है ताकि नशा तस्करी में शामिल कांग्रेस और अकाली दल के बड़े नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सके. उन्होंने कहा कि चुनावों को नजदीक आता देख चन्नी सरकार ने चुनावी स्टंट के तहत अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के खिलाफ कमजोर एफ.आई.आर.दर्ज की थी ताकि उसे जमानत मिल सके. इसलिए अदालत से मजीठिया को जमानत मिलने से साफ हो गया है कि पंजाब की जवानी को नशे की ओर धकेलने वाले अकाली और कांग्रेसी आपस में मिले हुए हैं. मान ने कहा कि मजीठिया के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर कांग्रेस पार्टी और चन्नी सरकार इस पूरे प्रकरण को इस तरह पेश कर रही है, जैसे प्रदेश के सभी छोटे बड़े नशा तस्करों को सलाखों के पीछे डाल दिया हो. लेकिन अब साफ हो गया है कि न तो ड्रग का काला कारोबार कम या बंद हुआ और न ही किसी बड़ी मछली को काबू किया गया है.

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भगवंत मान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने एफ.आई.आर. दर्ज होने के 20-22 दिन गुजर जाने के बाद भी बावजूद बिक्रम सिंह मजीठिया को जानबूझ कर गिरफ्तार नहीं किया, जबकि कुछ दिन पहले जिला अदालत मोहाली ने मजीठिया की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. उन्होंने दावा किया कि बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ एफ.आई.आर. कांग्रेस द्वारा बादल मजीठिया परिवार के साथ हुई डील का हिस्सा है. इसलिए पंजाब पुलिस ने बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार नहीं किया,क्योंकि न तो मजीठिया पाताल में छुपा था और न ही वह पंजाब से दूर चला गया था. सच तो यह है कि चन्नी सरकार मजीठिया को गिरफ्तार ही नहीं करना चाहती थी और 2022 के चुनाव से पहले आचार संहिता लगने का इंतजार कर रही थी.

मान ने कहा कि श्री गुटका साहिब की कसम खाकर पंजाब से चार हफ्तों में नशा खत्म करने के वादे से भाग रहे कांग्रेसी अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते। जनता की अदालत में सभी कांग्रेसियों को श्री गुटका साहिब जी की बेअदबी का उसी प्रकार हिसाब देना पड़ेगा, जिस प्रकार बादल एंड पार्टी को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और बहिबल कलां गोलीकांड समेत माफिया राज के बारे पूछा जा रहा है.

Source : News Nation Bureau

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