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दूरदर्शिता जरूरी लेकिन बादलों के पास इसके लिए दृष्टि ही नहीं-भगवंत मान

भगवंत मान ने यह प्रक्रिया अकाली दल बादल के प्रधान और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिए गए बयान के संबंध में दी, जिसमें सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब को दूरदर्शिता वाले मुख्यमंत्री की सख्त जरूरत है.

Updated on: 30 Dec 2021, 10:29 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य भगवंत मान ने कहा है कि पंजाब में दशकों से सत्ता में रहे बादल, कांग्रेस, कैप्टन और बीजेपी के पास अगर पंजाब और पंजाबियों के लिए कोई दूर-दर्शिता होती तो आज पंजाब और पंजाबियों की हालत इतनी दयनीय नहीं होती. भगवंत मान ने यह प्रक्रिया अकाली दल बादल के प्रधान और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिए गए बयान के संबंध में दी, जिसमें सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब को दूरदर्शिता वाले मुख्यमंत्री की सख्त जरूरत है.

गुरुवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में भगवंत मान ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल बिल्कुल सही फरमा रहे हैं कि प्रदेश को एक दूरदर्शिता वाले मुख्यमंत्री की जरूरत है, क्योंकि पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल और दो बार मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरेंद्र सिंह के पास पंजाब के लिए दूरदृष्टि नहीं थी और उनके मुख्यमंत्री रहते हुए जहां पंजाब साढ़े 3 लाख करोड़ के कर्जे में डूबा,वहीं नशे के कारण मारे गए युवाओं,गरीबी के चलते लाखों लोगों ने आत्महत्या की, पंजाब को काले युग का सामना करना पड़ा,पंजाब का पानी और जमीन व वातावरण लूटे गए. 

उन्होंने आगे कहा कि जूनियर बादल की इस इस टिप्पणी ने प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह को निकम्मे मुख्यमंत्री होने का सर्टिफिकेट भी दे दिया है और भविष्य में पंजाबियों को सचेत कर दिया है कि पंजाब जिस दयनीय स्थिति में पहुंचा दिया गया है, उस से साफ है कि बार-बार मुख्यमंत्री रहने वाले बादलों के पास दूर दूर तक कोई दृष्टि नहीं थी, जिस से पंजाब और पंजाबियों का बहुमुखी विकास हो सकता था. इस उम्र में बादलों परिवार से दूर दृष्टि की उम्मीद नहीं की जा सकती,जिस से यह परिवार पंजाब और पंजाबियों को पेश आ रही परेशानियों से निकाल सके. यही हाल भाजपा, कैप्टन और ढींढसा गुट का रहा है, ये सभी अब तक बार-बार पंजाब और केंद्र की सत्ता का सुख भोग चुके हैं.

मान ने सुखबीर सिंह बादल पर पलटवार करते हुए कहा कि बेशक ये सारे (बादल, कांग्रेस, कैप्टन, भाजपा और ढींडसा) पंजाब और पंजाबियों को रत्ती भर भी लाभकारी दृष्टि नहीं दिखा सके, लेकिन अपने परिवारों और करीबियों की अगली सात पुश्तों का बेड़ा पार कर गए.