त्रिपुराः बॉर्डर फेंसिंग से डेढ़ सौ मीटर दूर बांग्लादेश और भारत के बीच बंटा हुआ एक गांव
न्यूज़ नेशन की टीम पश्चिमी त्रिपुरा पहुंची जहां बॉर्डर फेंसिंग से डेढ़ सौ मीटर दूर तक भारतीय नागरिकों के घर है, एक गांव जो बांग्लादेश और भारत के बीच में बटा हुआ है
नई दिल्ली:
न्यूज़ नेशन की टीम पश्चिमी त्रिपुरा पहुंची जहां बॉर्डर फेंसिंग से डेढ़ सौ मीटर दूर तक भारतीय नागरिकों के घर है, एक गांव जो बांग्लादेश और भारत के बीच में बटा हुआ है।गेट में प्रवेश से पहले सभी भारतीय नागरिकों को आधार कार्ड या किसान पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य है, जिसके बाद सघन चेकिंग करके ही उन्हें आगे जाने की अनुमति दी जाती है। इसमें गांव का एक घर दिखाया गया है जो क्षेत्र के लिहाज से बंगलादेश में पड़ता है, लेकिन उसमें रहने वाले लोग भारत के नागरिक हैं। एक लड़की बता रही है कि वह भारत के नागरिक है ,लेकिन उनका घर बांग्लादेश में है।
एक बुजुर्ग बता रहे हैं कि उनकी पत्नी और उनका पूरा ससुराल बांग्लादेश में आता है, लेकिन वह भारत के नागरिक है। ऐसे में किसी का इंतकाल हो जाए तो अंतिम क्रिया में पहुंचने के लिए भी पासपोर्ट और वीजा की अनिवार्यता हो जाती है।
सीमाओं की बदलती दिशा
यहां भी उसी तरह की स्थिति है जैसे पश्चिम बंगाल में नजर आती है, यानी बॉर्डर कभी भी किसी भी दिशा में मुड़ जाता है। तीन बॉर्डर पिलर को दिखाते हुए यह बताने की कोशिश की गई है कि किस तरीके से बॉर्डर 90 डिग्री और 45 डिग्री में घूम जाता है और लोगों के घर 2 देशों की सरहद के बीच में से निकलते हैं।
मुस्लिम बहुल मिश्रित जनसंख्या
अंतरराष्ट्रीय सीमा से 20 से 25 किलोमीटर के दायरे में 99 फ़ीसदी जनसंख्या बांग्लादेश और भारत में मुस्लिम धर्म को मानने वाली है, हालांकि दोनों देशों में अजान का वक्त आधे घंटे का अंतर है और नमाज भी आधे घंटे के अंतराल के बाद ही आता की जाती है, लेकिन यहां पर त्रिपुरा की स्थानीय भाषा नहीं बोली जाती है, दोनों तरफ मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं जो बांग्ला में ही बात करते हैं।
अजान से बदलता है टाइम जोन
मस्जिद की अजान अगर बांग्लादेश की तरफ से आती है तो 30 मिनट का अंतर होता है, क्योंकि भारत और बांग्लादेश के समय में 30 मिनट का अंतर है। तलाब, मवेशी खेत और घर इसी तरह से बटें हुए हैं, ऐसी परिस्थिति में बीएसएफ के द्वारा पेट्रोलिंग करना बेहद मुश्किल डगर है।
तस्करी और घुसपैठ सबसे बड़ी समस्या
दोनों तरफ आबादी सघन होने के कारण नशीली वस्तुओं के साथ-साथ अन्य अवैध तस्करी भी बड़े पैमाने पर की जाती है। यहां तक कि भारत में बांग्लादेश के द्वारा अवैध घुसपैठ की भी बड़ी समस्या है। ऐसी स्थिति में बीएसएफ के सीमा प्रहरी बेहद मुश्किल चरण में काम करते हैं। क्योंकि यहां पाकिस्तान बॉर्डर जैसी स्थिति नहीं है जहां हथियारों का प्रयोग किया जा सके ,फ्रेंडली बॉर्डर होने के बावजूद मानव ,मवेशी और नशीली वस्तुओं की तस्करी को रोकना बीएसएफ की सबसे बड़ी चुनौती है।
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