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महागठबंधन बनने से पहले ही अंतर्विरोध, चंद्रबाबू नायडू बोले- मजबूरी में पकड़ा कांग्रेस का हाथ

नायडू बोले, मुझे प्रधानमंत्री बनने की कोई लिप्‍सा नहीं है. मुझे 1996 में पीएम बनने का न्यौता मिला था, लेकिन मैंने मना कर दिया था.

Updated on: 22 Dec 2018, 02:19 PM

नई दिल्ली:

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा, हमने कांग्रेस का हाथ लोकतांत्रिक मजबूरी के चलते पकड़ा है. 2019 के चुनावों के बाद सभी पार्टियां मिलकर प्रधानमंत्री तय करेंगी. मुझे प्रधानमंत्री बनने की कोई लिप्‍सा नहीं है. मुझे 1996 में पीएम बनने का न्यौता मिला था, लेकिन मैंने मना कर दिया था. उन्‍होंने कहा, लोकतंत्र, संविधान व देश को बचाने के लिए हम सब एकजुट हो रहे हैं. तेलुगूदेशम पार्टी (TDP) ने देश की राजनीति में अहम योगदान निभाया है.

नायडू ने कहा, मोदी व एनडीए सरकार के कामों और नीतियों से पूरा देश परेशान है. देश के किसान, कारोबारी और आम आदमी परेशान हैं. आखिर नोटबंदी की क्‍या जरूरत थी. मैं जब एनडीए का हिस्सा था, तब भी मैंने इसका विरोध किया और आज अलग होने के बाद भी विरोध कर रहा हूं. मैं नरेंद्र मोदी का विरोधी नहीं हूं. लेकिन उनकी नीतियां सही नहीं हैं. गोधरा दंगे के दौरान भी मैंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध किया था.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को मायूस किया है. मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव परिणाम बताते हैं कि मौजूदा समय में मोदी और एनडीए से लोगों का भरोसा उठ चुका है. उन्होंने कहा कि अब देश के लोगों का फोन टैप किया जा रहा है. पूरा देश खतरे में है. देश की 10 एजेंसियां टैपिंग में लगी हैं. हमारी निजता खत्म हो चुकी है. मोदी सरकार, पिछली सभी सरकारों से बेकार सरकार है.