सफाई की बात बहुत से लोग करते हैं पर बहुत कम लोग ही है जो बात के साथ खुद भी सफाई की ज़िम्मेदारी उठा कर लोगों के लिए मिसाल देते हैं। 23 राज्यों के करीब एक दर्जन वरिष्ठ नौकरशाहों ने ऐसा ही करके दिखाया है। इनमें केंद्रीय स्वच्छता सचिव परमेश्वरन अय्यर भी शामिल हैं।
सभी अधिकारियों ने इसके लिए बस से यात्रा की और हैदराबाद से तेलंगाना के वारंगल पहुंचे। इन सभी नौकरशाहों ने गंगादेवीपल्ली गांव में 6 शौचालयों के गड्ढों की सफाई की। उनका मकसद यही था की लोगो में से शौचालय की सफाई करने में होने वाली शर्मिंदगी मिटाया जाए।
परमेश्वरन अय्यर ने बताया कि इस अभियान में हिस्सेदारी करने वाले अधिकारी अपने साथ एक बोतल कंपोस्ट लेकर गए थे ताकि ग्रामीणों को जैविक कंपोस्ट खाद के महत्व के बारे में बताया जा सके।
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शौचालय के गड्ढे साफ करने के बाद अधिकारियों ने कंपोस्ट को हाथ में भी उठाया। परमेश्वरन अय्यर ने बताया, '2 गड्ढों वाले शौचालय को साफ करना सुरक्षित है और इसका कोई नुकसान भी नहीं होता है।
उन्होंने बताया, 'ये गड्ढे एक साल या 6 महीने तक बंद रहते हैं। उनको खोलकर उन्हें खाली करना और गड्ढे की सफाई करना सामाजिक तौर पर शर्मिंदगी का काम समझा जाता है। लोग खाद में बदल चुके मल की सफाई करने से हिचकते हैं। हम लोगों को समझाना चाहते थे कि यह सफाई की प्रक्रिया ना केवल बेहद आसान है, बल्कि ऐसा करना दिनचर्या के कामों की ही तरह सामान्य भी है।'
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Source : News Nation Bureau