logo-image

Manipur Attack: MNPF ने ली हमले की जिम्मेदारी, कहा- नहीं थी यह जानकारी

MNPF ने शनिवार को एक नोट जारी किया, जिसमें बताया गया कि हमलावरों को नहीं पता था कि काफिले में कर्नल की पत्नी और बच्चा भी मौजूद थे. यही नहीं नोट में सुरक्षाबलों को यह नसीहत भी दी गई वो संवदेनशील इलाकों में अपने परिवार को साथ न लेकर जाएं

Updated on: 13 Nov 2021, 11:52 PM

नई दिल्ली:

मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में शनिवार को नक्सलियों ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें असम राइफल्स यूनिट के एक कर्नल सहित पांच जवान शहीद हो गए. इस हमले में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी के परिवार के दो सदस्यों की भी मौत हो गई. अब इस बीच Manipur Naga People's Front (MNPF)  ने इस हमले की जिम्मेदारी ले ली है. MNPF ने शनिवार को एक नोट जारी किया, जिसमें बताया गया कि हमलावरों को नहीं पता था कि काफिले में कर्नल की पत्नी और बच्चा भी मौजूद थे. यही नहीं नोट में सुरक्षाबलों को यह नसीहत भी दी गई वो संवदेनशील इलाकों में अपने परिवार को साथ न लेकर जाएं. नोट में कहा गया कि सरकार ने जिन इलाकों को सुरक्षा के लिहाज से अति संवेदनशील माना है वहां परिवार का रहना ठीक नहीं. यहा बयान उप प्रचार सचिव रोबेन खुमान और थॉमस नुमाई की ओर से दिया गया. उन्होंने हमले की जिम्मेदारी लेने की बात भी कही. 

आपको बता दें कि यह हाल ही में पूर्वोत्तर भारत में हुए सबसे घातक चरमपंथी हमलों में से एक बताया जा रहा है. पुलिस ने शनिवार की दोपहर यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि घटना सेहकेन गांव के पास सुबह करीब 11 बजे हुई, जब भारी हथियारों से लैस संदिग्ध पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के नक्सलियों ने असम राइफल्स के कर्नल विप्लव त्रिपाठी के काफिले पर गोलीबारी की, जिसमें वह शहीद हो गए. हमले में उनकी उनकी पत्नी और उनके 9 वर्षीय लड़के की भी मौत हो गई। घटना के बाद तीन क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) के जवान मौके पर पहुंचे.

नक्सलियों ने काफिले पर उस समय हमला किया, जब असम राइफल्स की 46वीं बटालियन के कर्नल अपने परिवार के सदस्यों के साथ म्यांमार की सीमा से लगे चुराचांदपुर में एक नागरिक कार्रवाई कार्यक्रम (सिविक एक्शन प्रोग्राम) की निगरानी करने जा रहे थे, जो मणिपुर के साथ लगभग 400 किलोमीटर की सीमा साझा करता है. पूर्वोत्तर में पहली बार चरमपंथियों ने सुरक्षा बल के एक अधिकारी के परिवार के सदस्यों की हत्या की है.

हालांकि अभी तक किसी भी चरमपंथी या नक्सली संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पुलिस और खुफिया अधिकारियों को इस जघन्य कृत्य के पीछे पीएलए कैडरों का हाथ होने का संदेह है। सेना, असम राइफल्स और पुलिस बलों ने वरिष्ठ पुलिस और अर्धसैनिक अधिकारियों के नेतृत्व में चरमपंथियों को पकड़ने के लिए इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है.