कर्नाटक विधानसभा के सचिव एस मूर्ति के खिलाफ महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद एस मूर्ति ने सफाई देते हुए कहा है कि वो दलित हैं इसलिए उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है।
वहीं एस मूर्ति के मुताबिक, वो प्रशंसिका ढांचे को मजबूत करने की कोशिश कर रहे थे और इसी का खामयाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।
एस मूर्ति ने कहा, 'ये सभी आधारहीन आरोप हैं। मैं एक दलित हूं और कुछ लोग मुझे इस पद पर बैठे देख बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। दलित होने के कारण ही मुझे परेशान किया जा रहा है।'
हालांकि एस मूर्ति के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत को राज्य के मुख्य सचिव के पास भेजा गया है।
कर्नाटक के डीपीएआर विभाग की डिप्टी सेक्रेटरी पल्लवी आकृति ने राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि 'विधानसभा के बेलगावी में हाल में हुए विंटर सेशन में अपने साथ जाने के लिए उन्होंने एक महिला कर्मचारी को परेशान किया, मामला सचिव पद के अधिकारी की है और आरोप गंभीर है, लिहाजा इसकी जांच होनी चाहिए।'
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मामले के सामने आने के बाद एक वकील ने इस मामले को लेकर विधानसभा पुलिस थाने में सचिव एस मूर्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।
इस आरोप पत्र में विधानसभा में काम करने वाली तकरीबन 20 कर्मचारियों के दस्तखत भी हैं। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में करीब 1500 कर्मचारी करते हैं जिनमे करीब 500 महिलाएँ है।
हालांकि मामले के सामने आने के बाद अब इन आरोपों की जांच विधानसभा की यौन उत्पीड़न समिति कर रही है।
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HIGHLIGHTS
- एस मूर्ति के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत को राज्य के मुख्य सचिव के पास भेजा गया है
- एस मूर्ति ने कहा कि मेरे दलित होने के कारण कुछ लोग मुझे इस पद पर बैठे देख बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं
Source : News Nation Bureau