हादसा-दर-हादसा: कर्नाटक में 24 घंटो में 150 सड़क हादसे, 51 लोगों की मौत

Karnataka Road Accident: कर्नाटक में 2022 में औसतन 32 लोग प्रति दिन सड़क हादसों में मरते थे. 2023 में आंकड़ा 34 तक पहुंच गया और इस साल के पहले चार महीनों में 34 से 35 लोग रोज सड़क हादसों में मर जाते हैं.

Karnataka Road Accident: कर्नाटक में 2022 में औसतन 32 लोग प्रति दिन सड़क हादसों में मरते थे. 2023 में आंकड़ा 34 तक पहुंच गया और इस साल के पहले चार महीनों में 34 से 35 लोग रोज सड़क हादसों में मर जाते हैं.

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Mohit Sharma
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Karnataka Road Accident

Karnataka Road Accident( Photo Credit : File Pic)

Karnataka Road Accident:  शनिवार सुबह से रविवार सुबह यानी 24 घंटो में कर्नाटका की सड़कों पर मौत ने ऐसा कहर बरपाया कि 51 घरों में मातम पसर गया. जी हां शहर की सड़कें हों या फिर गांव. हर जगह से खबर एक ही आ रही थी, वो थी सड़क हादसे यानी रोड एक्सीडेंट्स की.  इन 24 घंटो में सड़क हादसों में टुमकुरू में 7 लोगो की मौत हो गई, हासन में 6, बेंगलुरु शहर में 3, बेंगलुरु ग्रामीण में 4 और कारवार में 3 लोगों की मौत हुई. कुल मिलाकर 24 घंटो में 150 सड़क हादसों में 51 लोगो की मौत हो गई. जिनमें 30 टू व्हीलर पर सवार लोग थे. पुलिस के मुताबिक लगभग सभी सड़क हादसे ड्राइवर की गलती की वजह से हुए या तो वो ओवर स्पीडिंग कर रहे थे या फिर नेगलिजेंट ड्राइविंग.

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कर्नाटक में 2022 में औसतन 32 लोग प्रति दिन सड़क हादसों में मरते थे

कर्नाटक में 2022 में औसतन 32 लोग प्रति दिन सड़क हादसों में मरते थे. 2023 में आंकड़ा 34 तक पहुंच गया और इस साल के पहले चार महीनों में 34 से 35 लोग रोज सड़क हादसों में मर जाते हैं. इस साल के पहले चार महीनों में कर्नाटका में कुल 15 हजार सड़क हादसे हुए, जिसमें 4100 लोगों की मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक ओवर स्पीड और रैश ड्राइविंग के लिए सख्त कानून तो है लेकिन इसके बावजूद सड़क हादसे हो रहे हैं . सड़को पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले कैमरा भी लगाए गए हैं, लेकिन इन कैमरा में नियमों का उलंघन करना तो रिकॉर्ड होता है और चालान भी कट जाता है, लेकिन फिर लोग चालान भरने नहीं आते हैं , लिहाजा अब इस टेक्निकल सर्विलांस को लेकर फिर से सोचने की जरूरत है.

सिस्टम में कहां हैं खामियां

वहीं ट्रैफिक एक्सपर्ट्स का कहना है की भारत में ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू करने का तरीका ही गलत है. क्योंकि महज 10 दिन से एक महीने की गाड़ी सीखने के तुरंत बाद  लाइसेंस दिया  जाता है, जो बिलकुल गलत है. ऐसे में जरूरत है की लाइसेंसिंग सिस्टम को तुरंत खतम किया जाए और आरटीओ स्तर्क हो जाए. रोजाना चेकिंग की जाए ,सिर्फ ट्रैफिक पुलिस पर यह ज़िमेदारी न छोड़ी जाए. सड़क हादसों के मामले केवल कर्नाटका में ही नहीं बड़ रहे हैं बल्कि पूरे देश में यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. 2022 में पूरे देश में 1 लाख 54 हजार लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई थी और 2023 में यह आंकड़ा 1 लाख 68 हजार तक पहुंच गया. इंडिया में हर दिन 417 लोगो की मौत सड़क हादसों में होती है

Source : News Nation Bureau

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