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सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार गले तो मिले, पर दिल मिले क्या !

कर्नाटका के दवांगेरे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी की मौजूदगी और लाखो कांग्रेसी समर्थकों के सामने आज कर्नाटका प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डी.के.शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया गले तो मिले एक दूसरे से लेकिन...

Updated on: 04 Aug 2022, 07:40 AM

नई दिल्ली:

कर्नाटका के दवांगेरे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी की मौजूदगी और लाखो कांग्रेसी समर्थकों के सामने आज कर्नाटका प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डी.के.शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया गले तो मिले एक दूसरे से लेकिन क्या इनके दिल भी मिले।दरअसल यह सवाल इस लिए उठ रहा है क्योंकि यह दोनो नेता खुद को कर्नाटका के अगले मुख्यमंत्री के दावेदार के तोर पर देख रहे है।आज सिद्धारमैया के 75 वे जन्मदिन के मौके पर उनके समर्थकों ने दावणगेरे में एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया था , जिसमे राहुल गांधी , के.सी.वेणुगोपाल और कर्नाटका के तमाम कांग्रेस नेताओ के साथ साथ लाखो में सिद्धारमैया और कांग्रेस के समर्थक शामिल हुवे।इस कार्यक्रम को सिद्धारमैया के शक्तिप्रदर्शन के तोर पर देखा जा रहा है । हालांकि आज राहुल गांधी की मौजूदगी में दोनो नेताओ सिद्धारमैया और डी.के.शिवकुमार ने एकता दिखाई और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए  कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हुंकार भरी ।

दरअसल जब से डी.के.शिवकुमार ने केपिसिसी अध्यक्ष का पद संभाला है ,तभी से वह खुद को मुखीमंत्री के उमीदवार के तोर पर आगे बड़ा रहे है । वही दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनने की ख्वाइश रखते है ।सिद्धारमैया के समर्थक जहां भी जाते है वहां ऐलान करते है की कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सिद्धारमैया ही होंगे। इन दोनो बड़े नेताओं की सीएम उम्मीदवारी की दौड़ की वजह से कर्नाटका कांग्रेस दो खेमों बट चुकी है ,दोनो कैंप एक दूसरे के खिलाफ इशारों ही इशारों में बयानबाजी करते रहे है। हालात इतने बिगड़े की दोनो नेता दिल्ली भी बुलाए गए ,आलाकमान से मुलाकात भी हुवी लेकिन सिद्धारमैया और डी.के.शिवकुमार के बीच की दूरियां कम नहीं हुवी। यही वजह थी की डी.के.शिवकुमार ,सिद्धारमैया के जन्मदिन के इस कार्यक्रम के हक में नही थे ,पर बाद में आलाकमान के कहने पर वो इस कार्यक्रम से जुड़े रहे है।

अगले साल कर्नाटका में विधानसभा चुनाव होने वाले है ,ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है की अगर उनके नेता एक झूट रहते है तो वो सत्ता में वापसी कर सकती है क्योंकि मौजूदा बीजेपी सरकार फिलहाल बैकफुट पर है। कांग्रेस इस समय न तो डी.के.शिवकुमार को नाराज कर सकती है और न ही सिद्धारमैया को ,क्योंकि डी.के.शिवकुमार के पास अगर मनी पावर और मसल पावर है ,तो सिद्धारमैया अहिंदा (पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक ) के सबसे बड़े नेता है और आजकी रैली में उन्होंने अपनी ताकत को सबके सामने दिखाया भी है। यही वजह है की कांग्रेस आलाकमान सिद्धारमैया और डी.के.शिवकुमार के बीच सुलह कराने की तमाम कोशिशें कर रही है  ताकि दक्षिण भारत में एक बार फिर से कांग्रेस के हाथ को जनता का साथ मिले।