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फोटो- फेसबुक
कर्नाटक की एंटी करप्शन ब्यूरो ने सरकारी अधिकारियों के घर पर छापेमारी की है. ये छापेमारी आय से अधिक मामले में की गई है. एंटी करप्शन ब्यूरो इन सरकारी अधिकारियों के अलग-अलग स्थानों पर तलाशी कर रही है. मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक इससे पहले भी बुधवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने राज्य के अधिकारियों की संपत्ति की तलाशी ली थी.
Karnataka Anti-Corruption Bureau is conducting searches at various locations of public servants in the state over alleged disproportionate assets. pic.twitter.com/PgeeBTlwEg
— ANI (@ANI) June 21, 2019
एंटी करप्शन ब्यूरो की ये कार्रवाई ऐसे समय में सामने आई है जब हाल ही में भारत सरकार ने 15 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायरमेंट दे दिया है. ये 15 वरिष्ठ अधिकारी मुख्य अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त के रैंक के हैं. इन अधिकारियों को ऑर्टिकिल 56 के तहत रिटायरमेंट दिया गया है.
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इससे पहले भी केंद्र सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है. इससे पहले केंद्र सरकार ने जबरन वसूली, रिश्वत और यौन उत्पीड़न के आरोप में करीब एक दर्जन कर (टैक्स) अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया था. अनिवार्य सेवानिवृत्ति की गाज करीब 12 वरिष्ठ अधिकारियों पर गिरी थी जिनमें आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त, प्रधान आयुक्त और आयुक्त रैंक के अधिकारी शामिल थे.
बता दें, भ्रष्टाचारी अधिकारियों के खिलाफ केंद्र सरकार ने काफी सख्त रुख अपनाया हुआ है. ब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे अधिकारियों की सूची बनाई है जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और वो अपने काम के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें केंद्र सरकार नियम 56 के तहत सेवानिवृत्त किया जा रहा है. इससे पहले भी कई वरिष्ठ अधिकारियों को ऑर्टिकिल 56 के तहत सेवानिवृत्त किया गया है. मोदी सरकार ने इससे पहले अपने पहले कार्यकाल में ही ऐसे अधिकारियों के काम के आधार का मूल्यांकन कर चुकी थी.