कालिखो पुल के सुसाइड नोट में जजों और मंत्रियों के नाम, CBI जांच की मांग

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री कालिखो पुल का सुसाइड सार्वजनिक कर दिया गया है। इसे नोट कैंपेन फॉर ज्‍यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्‍स(सीजेएआर) ने सार्वजनिक किया है।

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री कालिखो पुल का सुसाइड सार्वजनिक कर दिया गया है। इसे नोट कैंपेन फॉर ज्‍यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्‍स(सीजेएआर) ने सार्वजनिक किया है।

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sankalp thakur
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कालिखो पुल के सुसाइड नोट में जजों और मंत्रियों के नाम, CBI जांच की मांग

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री कालिखो पुल

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री कालिखो पुल का सुसाइड सार्वजनिक कर दिया गया है। इसे नोट कैंपेन फॉर ज्‍यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्‍स(सीजेएआर) ने सार्वजनिक किया है।

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इस सुसाइड नोट में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसमें कई हाईकोर्ट के पूर्व और वर्तमान जजों को घूस देने के दावे किए गए हैं। इसके अलावा अलग-अलग पार्टियों के नामों के साथ वरिष्‍ठ राजनेताओं के नाम भी हैं जिन्‍हें पुल ने रिश्‍वत के पैसे दिए थे। 60 पन्‍नों का यह सुसाइड नोट का हर पन्ना एक नई कहानी का खुलासा करता है।

आपको बता दे कि कालिखो पुल ने पिछले साल 8 अगस्‍त को आत्‍महत्‍या कर ली थी। खबरो के मुताबिक की मानें तो पुल के सुसाइड नोट में लिखा है, जज ने 36 करोड़ रुपए की घूस लेकर गलत फैसला दिया था, जिसे उन्‍होंने अपने बेटे के जरिए समझौता किया। जबकि वो फैसला गलत था। गुवाहाटी हाईकोर्ट ने (सीनियर मंत्री का नाम) के खिलाफ की गई सुनवाई में (नाम) को दोषी ठहराते हुए सीबीआई की जांच के आदेश दिए थे। लेकिन उसी केस में (नाम) ने 28 करोड़ रुपए की घूस देकर स्‍टे लिया और आज भी खुलेआम घूम रहे हैं।'

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पुल ने नोट में एक जगह लिखा, 'सरकार को जज के फैसले पर भी निगरानी रखनी चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए कोई कानून बनाना चाहिए ताकि इस कानून की मदद से न्‍यायालय में भ्रष्‍टाचार को रोका जा सके।'

कालिखो पुल वर्ष 2015 के पहले कांग्रेसी नेता के रूप में काम कर रहे थे. वर्ष 2015 में उन्होंने नबाम तुकी की सरकार के खिलाफ बगावत मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की, मगर मुख्यमंत्री बनने के ठीक साढ़े चार महीने बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने तुकी सरकार की बर्खास्तगी को असंवैधानिक करार ठहरा दिया। कालिखो पुल ने आत्महत्या करने के पहले लिखी गयी चिट्ठी में कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उनके पक्ष में करने के लिए कुछ दलाल उनसे भारी-भरकम राशि की मांग रहे थे।

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राष्‍ट्रपति शासन लगने के बाद पुल ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था और इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद ही उन्‍होंने सुसाइड कर ली थी।

Source : News Nation Bureau

cbi Kalikho Pul
      
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