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बढ़ती महंगाई के बीच झारखंड के नेताओं की सैलरी दोबारा बढ़ी, 33% का इजाफा

झारखंड सरकार ने बीते ढाई साल में दूसरी बार विधायकों, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष व मुख्यमंत्री का वेतन बढ़ाया है। विधायकों का मूल वेतन 30,000 से बढ़कर 40,000 हो गया है।

Updated on: 20 Sep 2017, 12:07 AM

highlights

  • बीजेपी सरकार में पिछली बार वेतन बढ़ोतरी मई 2015 में हुई थी
  • विधायकों का मूल वेतन 30,000 से बढ़कर 40,000 हो गया है

नई दिल्ली:

झारखंड सरकार ने बीते ढाई साल में दूसरी बार विधायकों, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष व मुख्यमंत्री का वेतन बढ़ाया है। कैबिनेट सचिव एस.के.जी. रहाटे ने कहा, 'झारखंड कैबिनेट ने विधायकों, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, विपक्ष के नेता व मुख्यमंत्री के वेतन में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।'

मुख्यमंत्री रघुबर दास की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार में पिछली बार वेतन बढ़ोतरी मई 2015 में हुई थी। अब मुख्यमंत्री का मूल वेतन मौजूदा 60,000 से बढ़ाकर 80,000 रुपये व विधायकों का मूल वेतन 30,000 से बढ़कर 40,000 हो गया है।

विपक्षी नेताओं का मूल वेतन 50,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर अब 65,000 रुपये कर दिया गया है और विधानसभा अध्यक्ष का मूल वेतन 55,000 से बढ़ाकर 78,000 रुपये कर दिया गया है।

रहाटे ने कहा कि मुख्य सचेतक का मूल वेतन 55,000 रुपये होगा, जो पहले 35,000 रुपये था। इसी क्रम में उप मुख्य सचेतक को पहले के 30,000 के बजाय 50,000 व सचेतक को 45,000 रुपये मिलेंगे।

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कैबिनेट ने विधानसभा के सदस्यों के भत्तों को बढ़ाने का भी फैसला किया। इस फैसले के अनुसार, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष 80,000 रुपये क्षेत्रीय भत्ता पाने के हकदार होंगे, जबकि उनके जलपान के लिए 70,000 रुपये प्रति माह देय होगा।

कैबिनेट मंत्रियों व विपक्ष के नेता को प्रति माह 80,000 रुपये क्षेत्रीय भत्ता मिलेगा, जबकि जलपान भत्ता 45,000 रुपये मिलेंगे। इसी क्रम में दूसरी सुविधाओं के अलावा विधायकों के मौजूदा 20,000 रुपये क्षेत्रीय भत्ते को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है।

दूसरी सुविधाओं में आवास, निजी सहायक, हवाई व रेल सुविधाएं व अन्य शामिल हैं।

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