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क्या आंध्र प्रदेश में नोटों से फैल रहा है कोरोना, पुलिस के पत्र से चर्चाओं का बाजार गर्म

इस संबंध में कुछ दिन पहले पुलिस महानिदेशक के कार्यालय की ओर से सभी पुलिस अधीक्षकों, शहर आयुक्तों, सभी रेंज के डीआईजी तथा गुंटूर रेंज के आईजी को एक मेमो जारी किया गया था, हालांकि पुलिस महानिदेशक डी जी सावंग ने कहा, ‘अभी तक राज्य में नोटों से संक्रमण

Updated on: 17 Apr 2020, 06:44 AM

अमरावती:

आंध्र प्रदेश के शीर्ष पुलिस अधिकारी का एक पत्र राज्य में चर्चा का विषय बन गया है जिसमें कहा गया है कि करेंसी नोटों से कोरोना वायरस फैल सकता है.पुलिस ने कोविड-19 के संक्रमण के सामने आ रहे नये मामलों में दिखाई दे रहे पैटर्न की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस तरह की बात सामने आना इस राज्य में खतरे की घंटी है जहां ऑनलाइन लेनदेन बहुत कम होता है और अधिकतर कारोबार नकदी से होता है. इस संबंध में कुछ दिन पहले पुलिस महानिदेशक के कार्यालय की ओर से सभी पुलिस अधीक्षकों, शहर आयुक्तों, सभी रेंज के डीआईजी तथा गुंटूर रेंज के आईजी को एक मेमो जारी किया गया था, हालांकि पुलिस महानिदेशक डी जी सावंग ने कहा, ‘अभी तक राज्य में नोटों से संक्रमण का कोई प्रमाण नहीं मिला है.’

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उन्होंने सबसे पहले तो इस संबंध में कोई मेमो जारी किये जाने की बात से ही इनकार किया, लेकिन कहा ‘दफ्तर में हमारे कर्मचारियों ने रोजाना नियमित आधार पर भेजे जाने वाले एक संदेश को इसमें शामिल कर लिया.’ सावंग ने कहा कि यह केवल संक्रमण को लेकर एक आशंका व्यक्त की गयी थी. हालांकि मेमो राज्य के अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय है और कुछ आईएएस अफसरों ने डीजीपी के दावों पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि इससे ऐसे समय में अनावश्यक घबराहट पैदा हो सकती है जबकि राज्य गंभीरता के साथ कोरोना वायरस महामारी से निपटने में लगा हुआ है.

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एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा, ‘यह बिना वैज्ञानिक सोच वाला पूरी तरह बेबुनियाद परिपत्र है.’ डीजीपी के परिपत्र में कुछ रोचक बातें कही गयी हैं लेकिन कोरोना वायरस के मामलों पर 24 घंटे निगरानी रख रहे स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है. अधीनस्थ अधिकारियों को भेजे गये डीजीपी के मेमो में कहा गया है कि पूर्वी गोदावरी, कृष्णा और गुंटूर जिलों में ऐसे लोग वायरस के संपर्क में आए हैं जिन्होंने हाल फिलहाल में कोई यात्रा नहीं की या विदेश यात्रा करने वाले किसी व्यक्ति के प्राथमिक या दूसरे स्तर के संपर्क में नहीं आए. इसमें कहा गया है, ‘उन्होंने कारोबार किया है जिसमें उन्होंने चीजें बेचकर अनेक लोगों से नकदी ली है या कई लोगों से मासिक शुल्क वसूला है और हो सकता है कि उससे संक्रमित हो गए हैं.’ मेमो के अनुसार, यह स्पष्ट दर्शाता है कि करेंसी नोट संक्रमित लोगों से वायरस का संचरण करने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं और यह बात राज्य में खतरे की घंटी बजाने वाली है.