संक्रांति पर हैदराबाद हाई कोर्ट ने मुर्गों की लड़ाई पर लगाई रोक
हैदराबाद हाई कोर्ट ने मुर्गों की लड़ाई पर लगी रोक को बरकरार रखते हुए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सरकारों को यह निर्देश दिया कि संक्रांति उत्सव के दौरान मुर्गो की लड़ाई का आयोजन न हो।
हैदराबाद:
हैदराबाद हाई कोर्ट ने मुर्गों की लड़ाई पर लगी रोक को बरकरार रखते हुए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सरकारों को यह निर्देश दिया कि संक्रांति उत्सव के दौरान मुर्गो की लड़ाई का आयोजन न हो।
हाई कोर्ट ने मुर्गों की लड़ाई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, जनवरी महीने में होने वाले संक्रांति उत्सव के लिए भी इसे प्रतिबंधित किया गया है।
दोनों तेलगू राज्यों के लिए समान उच्च न्यायालय ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, 'ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल/इंडिया', 'पीपल फॉर एनिमल' और अन्य संगठनों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
याचिकार्ताओं ने अदालत के संज्ञान में लाया कि इस प्रथा पर रोक और पूर्व में दिए अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए हर साल संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को मुर्गो की लड़ाई का आयोजन होता है।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के सदस्य ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल (एचएसआई)/भारत के प्रबंध निदेशक एन.जी. जयसिम्हा ने अदालत के आदेश का स्वागत किया है।
एचएसआई/भारत के सरकारी मामलों की संपर्क अधिकारी और इस मामले की याचिकाकर्ता गौरी मौलेखी ने उम्मीद जताई है कि राज्य सरकार अदालत के आदेश को कड़ाई से लागू करेगी और मुर्गो की लड़ाई आयोजित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर रोक लगाने की तमिलनाडु सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था।
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