दिनाकरण को झटका, हाई कोर्ट ने कहा- एआईएडीएमके के 18 विधायकों को अयोग्य करार देना सही

मद्रास उच्च न्यायालय में नियुक्त तीसरे जज एम.सत्यनारायण ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के 18 विधायकों की अयोग्यता को गुरुवार को सही ठहराया. गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने एम. सत्यनारायण की नियुक्ति मद्रास उच्च न्यायालय में तीसरे न्यायाधीश के तौर पर की थी. मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एम सत्यनारायण ने स्पीकर के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसके तहत उन्होंने एआईएडीएमके के 18 विधायकों को अयोग्य करार दिया था.

मद्रास उच्च न्यायालय में नियुक्त तीसरे जज एम.सत्यनारायण ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के 18 विधायकों की अयोग्यता को गुरुवार को सही ठहराया. गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने एम. सत्यनारायण की नियुक्ति मद्रास उच्च न्यायालय में तीसरे न्यायाधीश के तौर पर की थी. मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एम सत्यनारायण ने स्पीकर के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसके तहत उन्होंने एआईएडीएमके के 18 विधायकों को अयोग्य करार दिया था.

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Sunil Mishra
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दिनाकरण को झटका, हाई कोर्ट ने कहा- एआईएडीएमके के 18 विधायकों को अयोग्य करार देना सही

तमिलनाडु विधानसभा (फाइल फोटो)

मद्रास उच्च न्यायालय में नियुक्त तीसरे जज एम.सत्यनारायण ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के 18 विधायकों की अयोग्यता को गुरुवार को सही ठहराया. गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने एम. सत्यनारायण की नियुक्ति मद्रास उच्च न्यायालय में तीसरे न्यायाधीश के तौर पर की थी. मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एम सत्यनारायण ने स्पीकर के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसके तहत उन्होंने एआईएडीएमके के 18 विधायकों को अयोग्य करार दिया था.

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यह फैसला टीटीवी दिनाकरन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. AIADMK के टीटीवी दिनाकरन धड़े के 18 बागी विधायकों को पिछले साल विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अयोग्‍य करार दिया गया था. टीटीवी दिनाकरन ने इस बारे में कहा, ‘हम सकारात्मक फैसले की उम्मीद कर रहे थे. यह हमारी हार नहीं है, बल्‍कि एक अनुभव है. राजनीति में किसी की हार नहीं होती. हम उन 18 विधायकों से मुलाकात करेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. हमें उप चुनाव में भाग लेना चाहिए. राज्‍य सरकार केंद्र पर निर्भर है और यह एक ओपन सीक्रेट है. हम उनके साथ कभी गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन अगर उनकी तरफ से विधायक आकर हमसे हाथ मिलाते हैं तो कोई बात नहीं.’

इस बारे में द्रमुक नेता स्‍टालिन ने कहा, राज्‍य में पहले से ही दो विधानसभा सीट खाली हैं. अब हाई कोर्ट के फैसले के बाद 18 और सीटें विधायक विहीन हो गई हैं. अब चुनाव आयोग को इन खाली सीटों पर चुनाव कराने की कवायद शुरू करनी चाहिए.

12 दिनों के सुनवाई में जस्टिस सत्यनारायण ने 31 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 18 विधायकों का भविष्य इन्हीं जज के फैसले पर निर्भर करता है. बता दें कि ये विधायक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के खिलाफ असंतोष प्रदर्शित करने के लिए अयोग्यता का सामना कर रहे हैं.

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