तमिलनाडु में गुटका निर्माताओं द्वारा एक मंत्री तथा पुलिस अधिकारियों को कथित तौर पर दी गई रिश्वत के मुद्दे पर चर्चा की मंजूरी न देने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ विरोध जताते हुए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सदस्यों ने सदन से वॉक-आउट किया।
डीएमके नेता एम.के.स्टालिन ने आयकर विभाग द्वारा गुटका निर्माता के परिसरों की छापेमारी के मुद्दे को उठाया। विधानसभा अध्यक्ष पी.धनपाल ने स्टालिन को आगे बोलने से रोकते हुए कहा कि वह समाचार रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा में नहीं बोल सकते। इसके बाद विरोध जताते हुए मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
तमिलनाडु में तंबाकू उत्पाद 'गुटका' की बिक्री प्रतिबंधित है। सदन के बाहर संवाददाताओं से स्टालिन ने कहा कि पिछले साल जुलाई महीने में आयकर अधिकरियों ने चेन्नई में गुटका निर्माता के परिसरों पर छापेमारी की थी और दस्तावेज, किताबें व डायरी बरामद की थी।
उन्होंने कहा कि दस्तावेजों में गुटका की बिक्री को मंजूरी देने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तथा एक मंत्री को रकम भुगतान करने की बात लिखी थी।
स्टालिन के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों तथा मंत्री को लगभग 40 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने इस मामले में 10 महीने पहले तत्कालीन मुख्य सचिव पी.राम मोहन राव को पत्र लिखा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
Source : IANS