जल्लीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बाद डीएमके पूरे तमिलनाडु में प्रदर्शन कर रही है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कोई ठोस कदम न उठा पाने के लिये राज्य और केंद्र सरकार की आलोचना भी की है।
डीएमके की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि पार्टी के कार्यकर्ता राज्य और सरकार के कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू यह कहकर पर प्रतिबंध लगाया है कि इसमें जानवरों के साथ अत्याचार होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जल्लीकट्टू पर टाचिका खारिज कर दी थी। याचिका में कहा गया था कि इस मसले पर अदालत जल्द फैसला दे।
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने केंद्र सरकार से चिट्ठी लिखकर आग्रह किया था कि जल्लीकट्टू का आयोजन करने के लिये अध्यादेश लेकर आए।
तमिलनाढु में जल्लीकट्टू मकर संक्रांति के अवसर पर मनाया जाता है जिसमें बैलों को लड़ाते हैं।
तमिलनाडु के कई सास्कृतिक और सामाजिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध को तमिल संस्कृति पर हमला बताया है। उन्होंने धमकी दी है कि वो कोर्ट के आदेश को नहीं मानेंगे।
Source : News Nation Bureau