जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु की सियासत में अगर सबसे बड़ा सवाल था तो यह की 'अम्मा' की विरासत को कौन संभालेगा? लेकिन जयललिता के निधन के बाद तमाम तरह की अटकलों से दूर पर्दे के पीछे रहीं शशिकला (चिनम्मा) मुख्य चेहरा बन कर उभरी हैं। AIADMK के सभी सीनियर नेताओं ने शशिकला से गुज़ारिश की है कि वह जयललिता की विरासत को आगे बढ़ायें।
दरअसल, शशिकला जयललिता की बेहद करीबी रही हैं। जयललिता को कब क्या चाहिए, क्या पहनेंगी, सबका प्रबंधन शशिकला की देखरेख में होता था। यही कारण है कि वह जयललिता की भरोसेमंद बनीं। और अब पार्टी कार्यकर्ता भी 'चिनम्मा' (शशिकला) को 'अम्मा' की जगह दे रहे हैं।
ये भी पढ़ें- दिवंगत नेता जे.जयललिता की क़रीबी शशिकला से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री पनीर सेल्वम
AIADMK संगठन सचिव सी पोन्नैयन ने कहा, 'पार्टी हाईकमान ने तय किया है कि बहुत जल्द ही पार्टी के जनरल सेक्रेटरी पद के लिए चुनाव कराया जायेगा।'
हालांकि इससे पहले शशिकला को जयललिता ने पार्टी से निकाल दिया था। पहली बार 1996 में और दूसरी बार 2011 में शशिकला को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था। अम्मा ने 1996 में कहा था कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की इच्छा के अनुसार शशिकला से खुद को दूर कर रही हैं।
1991-1996 के बीच जब एआईएडीएमके सत्ता में थी तब शशिकला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और इन्हीं आरोपों के मद्देनजर शशिकला को पार्टी से बाहर किया गया था।
ये भी पढ़ें-क्या तमिलनाडु में फिर होगी मनारगुडी माफिया की वापसी?
जयललिता के निधन के चौथे दिन मंत्रियों और विधायकों की गाड़ियां शशिकला के दरवाजे पर दस्तक दे रही थी। शशिकला जयललिता के आवास पर ही थी और अधिक व्यस्तता के कारण कई मंत्रियों को मिलने का समय भी नहीं दिया गया। कहीं न कहीं इस हलचल ने पहले ही सब कुछ तय कर दिया था कि भले ही जयललिता के करीबी रहे पनीरसेल्वम को सरकार की कमान दे दी गई हो, लेकिन सत्ता का केंद्र अब भी जयललिता का पुराना आवास यानि 'पोएस गार्डन' ही होगा।
Source : News Nation Bureau