Odisha News: ओडिशा के कटक में पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की मूर्ति तोड़े जाने के मामले में मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने विपक्ष के नेता और बीजू पटनायक के बेटे नवीन पटनायक की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे इस कार्यक्रम में शामिल होते, तो यह और भी संपूर्ण होता. उन्होंने इस घटना पर राजनीति न करने की अपील भी की.
सीएम मोहन चरण मांझी ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने कहा कि, 'बीजू बाबू एक ऐसी शख्सियत थे, जिनका सभी दलों में सम्मान और प्यार था. ऐसे समय में इस तरह की टिप्पणी करना अनुचित है. बीजू पटनायक की मूर्ति को तोड़े जाने जैसे मुद्दों पर राजनीति करना अनावश्यक था. इस तरह के बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे.'
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की है और इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सीएम ने आगे कहा कि गांवों को सशक्त बनाने, महिलाओं को सम्मान देने और राज्य को मजबूत बनाने के बीजू बाबू के अधूरे सपनों को पूरा करने में 24 साल लग गए.
राजनीति से परे सम्मान की अपील
मुख्यमंत्री ने नवीन पटनायक की गैरमौजूदगी पर भी तंज कसा और कहा कि इस कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी इसे और भी बेहतर बना सकती थी. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर हो रही राजनीति को गैरजरूरी बताया और सभी दलों से आग्रह किया कि बीजू पटनायक जैसी महान हस्तियों का सम्मान राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए.
पुलिस ने की कार्रवाई
बीजू पटनायक की मूर्ति तोड़े जाने के बाद स्थानीय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. प्रशासन का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे.
बीजू पटनायक का योगदान
बीजू पटनायक ओडिशा की राजनीति में एक बड़ा नाम रहे हैं. उन्होंने गांवों के विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण और राज्य की प्रगति के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे. मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि अब उनकी सरकार इन अधूरे सपनों को साकार करने के लिए काम कर रही है.
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