/newsnation/media/post_attachments/images/2021/02/21/08d43b80333cd371c94d8c8a718667ca-15.jpg)
Kargil Vijay Smarak ( Photo Credit : फोटो-IANS)
1999 में पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना के शहीदों को याद करने के लिए दक्षिणी असम के सिलचर शहर में एक 'कारगिल विजय स्मारक' का अनावरण किया गया है. प्रख्यात मूर्तिकार स्वपन पाल ने सात महीनों में भारतीय सेना के शहीदों की फाइबर की मूर्ति बनाई और उन्हें 'कारगिल विजय स्मारक' के रूप में स्थापित किया. सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक दिलीप कुमार पॉल ने 17 लाख रुपये की लागत से 'कारगिल विजय स्मारक' (Kargil Vijay Smarak) बनाने की पहल की थी. पाल ने कहा, "अपने विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से मैंने 7 लाख रुपए और असम के मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 10 लाख रुपये मंजूर कराए हैं."
भाजपा सांसद राजदीप रॉय ने कहा कि सिलचर में नव-निर्मित 'कारगिल विजय स्मारक' पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहला ऐसा स्मारक है. सेना के वरिष्ठ अधिकारी पंकज यादव, सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों और शहीदों के परिवार के सदस्यों ने संयुक्त रूप से रविवार को स्मारक का अनावरण किया.
ये भी पढ़ें: इमरान खान के बड़े बोल...कारगिल हमले पर कह गए बड़ी बात
बता दें कि भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच मई और जुलाई 1999 में कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम कारगिल युद्ध है. लगभग 60 दिनों तक कारगिल युद्ध चला था और जुलाई के अंत में 26 जुलाई को इसका अंत हुआ था. कारगिल युद्ध जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है पर भारत ने जीत हासिल की थी. ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) पर विजय हासिल करने की वजह से इसे विजय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. यह दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में मनाया जाता है.
कारगिल लड़ाई में बोफोर्स तोपें सेना के खूब काम आई थीं. भारतीय वायुसेना ने कारगिल युद्ध में बड़ा योगदान दिया था. भारतीय वायुसेना ने 32 हजार फीट की ऊंचाई से एयर पावर का उपयोग किया था. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान (Indo Pak War) के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया और जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए. साथ ही पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया था.
Source : IANS/News Nation Bureau