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अब नॉर्थ ईस्‍ट टूरिज्म को लगेंगे पंख, दो दिवसीय बैठक में तैयार होगा ब्लूप्रिंट

नॉर्थ ईस्ट में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पहली बार केंद्र सरकार ने नॉर्थ ईस्ट कांफ्रेंस का आयोजन असम के गुवाहाटी में किया है

Updated on: 12 Sep 2021, 08:28 PM

नई दिल्ली:

नॉर्थ ईस्ट में टूरिज्म ( Tourism in the North East ) को बढ़ावा देने के लिए पहली बार केंद्र सरकार ने नॉर्थ ईस्ट कांफ्रेंस का आयोजन असम के गुवाहाटी में किया है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी, के साथ केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, असम के मुख्यमंत्री के साथ सभी नॉर्थ-ईस्ट राज्यों के पर्यटन मंत्री भी मौजूद रहेंगे. सामरिक दृष्टिकोण से नॉर्थ ईस्ट के राज्य बेहद महत्वपूर्ण है. लिहाजा भारत सरकार की कोशिश है कि बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए. पूर्वोत्तर के राज्य सामरिक दृष्टिकोण से देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर के राज्य में पर्यटन का विकास चाहते हैं. नॉर्थ ईस्ट सामरिक रूप में देश के लिए महत्वपूर्ण है. चीन की सीमा नॉर्थ ईस्ट से लगती है. इसलिए हम बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रहे हैं. नॉर्थ ईस्ट के कई राज्य विदेशी सीमाओं से लगते हैं. बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा, कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जाएगा. भारत में पहली बार पूर्वोत्तर में इतना बड़ा पर्यटन को लेकर कार्यक्रम किया जा रहा है,  जिसमें नॉर्थ ईस्ट के सभी tourism मंत्री, असम के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे.

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आपको बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के धेमाजी के सिलापाथर में आयोजित एक कार्यक्रम में तेल एवं गैस क्षेत्र सहित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्धाटन और शिलान्यास करते हुए कहा था कि जब वो यहां गोगामुख में इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट का शिलान्यास करने आए थे, तो उन्होंने कहा था कि नार्थईस्ट भारत की ग्रोथ का नया इंजिन बनेगा. आज हम इस विश्वास को हमारी आंखों के सामने धरती पर उतरता देख रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रह्मपुत्र के इसी नॉर्थ बैंक से, आठ दशक पहले असमिया सिनेमा ने अपनी यात्रा, जॉयमती फिल्म के साथ शुरू की थी. इस क्षेत्र ने असम की संस्कृति का गौरव बढ़ाने वाले अनेक व्यक्तित्व दिए हैं. नॉर्थ ईस्ट में भरपूर सामथ्र्य होने के बावजूद पहले की सरकारों ने इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया. यहां कि कनेक्टिविटी, अस्पताल, शिक्षण संस्थान, उद्योग पहले की सरकार की प्राथमिकता में नहीं थे.

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर काम कर रही हमारी सरकार ने इस भेदभाव को दूर किया है. आज असम को तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के एनर्जी और एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्च र प्रोजेक्ट्स का नया उपहार मिल रहा है. आत्मनिर्भर बनते भारत के लिए लगातार अपने सामथ्र्य, अपनी क्षमताओं में भी वृद्धि करना आवश्यक है. बीते वर्षों में हमने भारत में ही, रिफाइनिंग और इमरजेंसी के लिए ऑयल स्टोरेज कैपेसिटी को काफी ज्यादा बढ़ाया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन सारे प्रोजेक्ट्स से असम और नार्थ ईस्ट में लोगों का जीवन आसान होगा और नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. जब किसी व्यक्ति को उसकी मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं, तो उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है. बढ़ता हुआ ये आत्मविश्वास क्षेत्र का भी और देश का भी विकास करता है.