कम दिलचस्प नहीं है मणिपुर के भारत का हिस्सा बनने की कहानी

दरअसल साल 1947 में अंग्रेजों के भारत छोड़ने से बहुत पहले ही मणिपुर एक आजाद रियासत हुआ करती थी . साल 1709 से 1751 तक मणिपुर पर हिंदू राजा पामहेयीबा का शासन रहा और कहा जाता है कि इसी दौरान मणिपुर में हिंदू राज की स्थापना हुई.

दरअसल साल 1947 में अंग्रेजों के भारत छोड़ने से बहुत पहले ही मणिपुर एक आजाद रियासत हुआ करती थी . साल 1709 से 1751 तक मणिपुर पर हिंदू राजा पामहेयीबा का शासन रहा और कहा जाता है कि इसी दौरान मणिपुर में हिंदू राज की स्थापना हुई.

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Prashant Jha
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मणिपुर में हिंसा( Photo Credit : फाइल फोटो)

मणिपुर में पिछले कई हफ्तों से चल रही हिंसा से बीच अब दो लड़कियों पर हुए अमानवीय अत्याचार के वीडियो ने इसे इंटरनेशनल लेवल पर सुर्खियों में ला दिया है. भारत के पूर्वोत्तर इलाके के छोटे से राज्य मणिपुर  में हो रही हिंसा की वजब वहां के दो प्रमुख समुदायों के बीच की रंजिश है. ये रंजिश अब इस हद तक बढ़ गई है कि इसमें अपने विरोधियों को चोट पहुंचाने के लिए कई तरह की अमानवीय हरकते भी की जा रही है.  मणिपुर अक्सर चर्चा में रहने वाला राज्य है और जब ये भारत में शामिल हुआ था तब भी ये सुर्खियों में रहा था.

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दरअसल साल 1947 में अंग्रेजों के भारत छोड़ने से बहुत पहले ही मणिपुर एक आजाद रियासत हुआ करती थी . साल 1709 से 1751 तक मणिपुर पर हिंदू राजा पामहेयीबा का शासन रहा और कहा जाता है कि इसी दौरान मणिपुर में हिंदू राज की स्थापना हुई. उन्हें गरीब नवाज भी कहा जाता था. कुछ इतिहासकारों के मुताबिक मैतेयी समाज के पामहेयीबा ने अपने समाज को हिंदू धर्म में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई. 19 वीं सदी में मणिपुर की रियासत का अपने पड़ौसी मुल्क म्यामांर के साथ अक्सर युद्ध हुआ करता था और उस वक्त की ईस्ट इंडिया कंपनी इसमें मणिपुर की मदद भी करती थी. लेकिन बाद में जब अंग्रेजों की नजर मणिपुर पर जम गई तो 1891 में मणिपुर और ब्रिटिश राज के बीच जंग भी हुए जिसके बाद मणिपुर ब्रटिश भारत के अधीन आ  गया.

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मणिपुर देश का पहला ऐस राज्य है जहां वयस्क मताधिकार के तौर पर चुनाव

साल 1947 में जब ब्रिटिश सरकार ने भारत को आजाद किया तब 500 से भी ज्यादा रियासतों को भारत या पाकिस्तान में शामिल होने की आजादी दी थी. मिपुरक बी उनमें से एक था. उस वक्त मणिपुर पर बोध चमद्र सिंह का शासन था. देसी रियासतों को भारत में मिलाने का जिम्मा उस वक्त के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल उठा रहे थे. मणिपुर के राजा ने भारत साथ विलय पत्र पर दस्तखत तो कर दिए लेकिन अपनी रियासत में एक संविधान भी बना दिया जिसके बाद साल 1948 में मणिपर में चुनाव भी हुए. मणिपुृर देश का पहला ऐस राज्य है जहां वयस्क मताधिकार के तौर पर चुनाव कराए. गए.अब तक ये स्पष्ट हो चुका था कि मणिपुर के राजा अपनी रियासत को बारत के साथ मिलाने में आना-कानी कर रहे है. इसके बाद साल 1949 में शिलॉंग में मणिपुर के राजा ने भारत के साथ अपनी रियासत को शामिल करने में रजामंदी दी और 15 अक्टूबर 1949 को मणिपुर भारत का हिस्सा बन गया. मणिपुर के अलगाववादी लीडर्स का दावा है के 1949 के विलय पत्र पर मणिपुर के राजा के दस्तखत जबरदस्ती कराए गए थे. मणिपुर 1956 में केंद्र शासित राज्य बना और 21 जनवरी 1972 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया.

मणिपुर इंफाल घाटी और पहाड़ी इलाकों में बंटा
मणिपुर में 16 जिले हैं. ये राज्य दो हिस्सों में बंटा है, पहला इंफाल घाटी और दूसरा पहाड़ी जिले. इंफाल इस सूबे की राजधानी है और घाटी में पांच जिले हैं. इनमें मैतेई समुदाय का बोलबाला है. ये लोग मुख्यतः हिंदू हैं. मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय का हिस्सा लगभग 53 फीसदी है। राज्य की लगभग 10 प्रतिशत जमीन पर ये बसे हुए हैं. दूसरी तरफ पहाड़ी जिलों में नगा और कुकी आदिवासियों की जनसंख्या है. राज्य के 90 फीसदी से अधिक पहाड़ी भूभाग पर ये फैले हुए हैं. मणिपुर में लगभग 34 जनजातियां रहती हैं, इनमें नगा और कुकी प्रमुख हैं.  ये मुख्यत: ईसाई होते हैं. हालिया हिंसा इन्हीं मैतेई और कुकी समुदायों के बीच के तनाव का नतीजा है.

सुमित कुमार दुबे की रिपोर्ट

Source : News Nation Bureau

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