गैर सरकारी संगठन ने हजेला पर NRC में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया

एपीडब्ल्यू के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि हजेला ने अपनी ताकत एवं पद का दुरूपयोग करते हुए उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया.

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Sushil Kumar
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गैर सरकारी संगठन ने हजेला पर NRC में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

असम के एक गैर सरकारी संगठन असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के पूर्व राज्य संयोजक प्रतीक हजेला पर दो लोगों के नाम हटा कर पंजी के अंतिम स्वरूप में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. प्रदेश सीआईडी को दी गयी शिकायत में एपीडब्ल्यू ने आरोप लगाया कि हजेला ने दो लोगों को सूची से निकाल कर लोक रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ की है. एनआरसी मामले में यही संगठन उच्चतम न्यायालय में मूल याचिकाकर्ता है.

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एपीडब्ल्यू के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि हजेला ने अपनी ताकत एवं पद का दुरूपयोग करते हुए उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया, फर्जी दस्तावेज बनाया, सरकारी पंजी के साथ फर्जीवाड़ा किया और साइबर अपराध को अंजाम दिया है. राष्ट्रीय नागरिक पंजी असम में वास्तविक भारतीय नागरिकों की पंजी का दस्तावेज है और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसको अद्यतन किया गया था . इसकी अंतिम सूची का प्रकाशन पिछले साल 31 अगस्त को किया गया था, जिससे 19 लाख लोग बाहर हो गये . कई राजनीतिक दलों एवं संगठनों ने आरोप लगाया कि कई अवैध प्रवासियों के नाम इस सूची में शामिल हैं जबकि बड़ी तादाद में वास्तविक भारतीय के नाम इससे बाहर हैं.

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शर्मा ने कहा, ‘‘असम के स्थानीय जिम्मेदार संगठन होने के नाते हमने कुछ निश्चित आंकड़ों के बारे में जानकारी ली और दो लोगों के नाम शामिल करने की धोखाधड़ी के बारे में पता चला, जिन्हें पहले विदेशी घोषित कर दिया गया था . उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब इस मुद्दे पर मीडिया में खबरें आयीं तो हजेला ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची के साथ छेड़छाड़ किया और अपने ताकत का दुरूपयोग करते हुए वेवसाइट तक पहुंच बनायी . उन्होंने उन दो लोगों का दर्जा स्वीकृत से बदलकर खारिज कर उच्चतम न्यायालय का अनादर किया है .’’ गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 13 अगस्त को राष्ट्रीय नागरिक पंजी के अंतिम प्रकाशन से पहले हजेला को एक मजबूत सुरक्षा व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया था ताकि इसके प्रकाशन के बाद इसमें किसी अवैध गतिविधि को रोका जा सके. 

Abhijeet Sharma NGO nrc
      
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