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Manipur Violence ( Photo Credit : Social Media)
Manipur Violence: पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में 3 मई के बाद शुरू हुई हिंसा अभी तक पूरी तरह से थमी नहीं है. राज्य में आए दिन हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. इसी बीच मणिपुर के चार ऐसे जिलों से एक बार फिर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर लगे बैन को हटा लिया है. जिनमें हिंसा नहीं हुई थी. इसके बाद इन चारों जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू हो गई है. गुरुवार को सुरक्षा अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मणिपुर सरकार ने चार पहाड़ी जिला मुख्यालयों में मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध हटा दिया है. ये जिले जातीय हिंसा से प्रभावित नहीं थे. उन्होंने कहा कि उखरूल, सेनापति, चंदेल और तामेंगलोंग जिला मुख्यालयों में परीक्षण के आधार पर इंटरनेट प्रतिबंध हटा दिया गया.
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मणिपुर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लिया गया फैसला
मोबाइल इंटरनेट सेवा पर लगे बैन को हटाने का फैसला मणिपुर हाईकोर्ट के निर्देश पर लिया गया. मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उन सभी जिला मुख्यालयों में (जो जातीय हिंसा से प्रभावित नहीं थे) का परीक्षण के आधार पर मोबाइल टावरों को चालू करने का निर्देश दिया था. अधिकारियों ने कहा कि चार पहाड़ी जिला मुख्यालयों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं मंगलवार को फिर से शुरू कर दी गईं.
कुछ चुनिंदा टावर ही किए गए चालू
इन जिला मुख्यालयों में अभी सभी टावरों को चालू नहीं किया गया. मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को फिर से शुरू करने के बारे में पूछने पर उखरुल जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि, "केवल जिला मुख्यालयों में कुछ चुनिंदा मोबाइल टावर चालू किए गए हैं. लेकिन कनेक्टिविटी खराब है. उन्होंने कहा मोबाइल इंटरनेट सेवा की बहाली परीक्षण के आधार पर की जाएगी."
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परिवहन मंत्री ने इंटरनेट सेवा शुरू करने की कही बात
वहीं उखरुल में एक समारोह के दौरान हाल ही में राज्य के परिवहन मंत्री काशिम वाशुम ने कहा था कि चार जिलों में सेवाएं फिर से शुरू की जाएंगी. बता दें कि सितंबर में कुछ दिनों को छोड़कर मणिपुर में 3 मई से जातीय हिंसा की झड़पें हुई थी. उसके बाद से ही मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा हुआ है. मई में पहली बार जातीय हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में कई बार हिंसा भड़की. इस हिंसा में अब तक 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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बता दें कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हुई. मणिपुर की कुल आबादी के 53 फीसदी मैतई समुदाय के लोग हैं जो ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. जबकि आदिवासी नागा और कुकी की जनसंख्या 40 फीसदी है. जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं. ये हिंसा मैतई को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के बाद शुरू हुई थी, लेकिन सरकार ने हिंसा के बाद इसे वापस ले लिया.
HIGHLIGHTS
- मणिपुर के चार जिलों में शुरू की गई इंटरनेट सेवा
- हिंसा के बाद पूरे राज्य में बंद है मोबाइल इंटरनेट
- फिलहाल कुछ टावरों को ही किया गया है चालू
Source : News Nation Bureau