Manipur News: पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में एक बार फिर से सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल, सुरक्षा बलों ने राज्य के दो जिलों से नौ उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है. इन उग्रवादियों को मणिपुर के इंफाल पश्चिम और तेंगनौपाल जिलों से गिरफ्तार किया गया है. इस संबंध में पुलिस ने मंगलवार को जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों में दो प्रतिबंधित संगठन कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी के हैं, जिन्हें सोमवार को इंफाल पश्चिम जिले के रूपमहल टैंक इलाके से गिरफ्तार किया गया है. ये दोनों उग्रवादी रूपमहल टैंक इलाके में जबरन वसूली करने की गतिविधियों में शामिल थे.
रविवार को गिरफ्तार किए गए कई उग्रवादी
वहीं रविवार को सुरक्षा बलों की ओर से चलाए गए एक अन्य अभियान के दौरान अन्य दो उग्रवादी गिरफ्तार किए गए. ये दोनों उग्रवादी प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (कोइरेंग) और पीआरईपीएके से जुड़े हुए हैं. जिनको तेंगनौपाल जिले से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने मंगलवार को बताया कि सुरक्षा बलों ने तेंगनौपाल जिले के एल मिनौ रिजलाइन से प्रतिबंधित समूह केसीपी (ताइबंगांबा) के पांच अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है.
भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद
बताया जा रहा है कि रविवार को गिरफ्तार किए गए पांच उग्रवादियों के पास से सुरक्षा बलों ने एक एलएमजी, एक एसएलआर, दो इंसास राइफल और एक एके 47 राइफल के साथ 14 मैगजीन, गोला-बारूद और अन्य सामान जब्त किया है. इसके साथ ही पुलिस ने रविवार को चुराचांदपुर जिले के कांवपुई इलाके से हथियारों की तस्करी के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. इस शख्स के पास से सुरक्षा बलों ने एक कोल्ट 7.65 एमएम ऑटो पिस्तौल और 9 एमएम पिस्तौल (देशी), मैगजीन, 16 अलग प्रकार के गोला-बारूद और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया है.
मणिपुर में मई 2023 में भड़की थी हिंसा
बता दें कि पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में मई 2023 में हिंसा भड़क गई थी. जिसमें कई लोगों की मौत हुई. जबकि हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा. बता दें कि मणिपुर हिंसा के चलते 10 फरवरी को एन बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
राज्य में भड़की इस हिंसा की वजह राज्य के दो समुदाय मैतेई और कुकी थे. दरअसल, राज्य में मैतेई समुदाय लंबे समय से खुद को एसटी कैटगरी में शामिल किए जाने की मांग कर रहा था, लेकिन कुकी समुदाय लंबे समय से इस बात का विरोध कर रहा था. मैतई मणिपुर की प्रमुख जातीय समूह है, वहीं कुकी सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है.