असम के सोनितपुर में भूकंप के झटके, 3.3 रिक्टर स्केल थी तीव्रता
असम के सोनितपुर में एक बार फिर भूकंप के झटके लगे हैं. गुरुवार की शाम को 4 बजकर 17 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. हालांकि इस भूकंप में अभी तक किसी भी तरह के जान व माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है.
highlights
- असम के सोनितपुर में भूकंप के झटके
- बुधवार की सुबह भी आए थे भूकंप के झटके
- भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 मैग्नीट्यूड
नयी दिल्ली:
असम के सोनितपुर में एक बार फिर भूकंप के झटके लगे हैं. गुरुवार की शाम को 4 बजकर 17 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. हालांकि इस भूकंप में अभी तक किसी भी तरह के जान व माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि यह भूकंप 3.3 रिक्टर स्केल की तीव्रता का था. आपको बता दें कि बीते दो दिनों में यह दूसरा मौका है जब यहां पर भूकंप के झटके आए हैं. इसके पहले बुधवार को सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर भी सोनित पुर में भूकंप के जोरदार झटके लगे थे. इस भूकंप की तीव्रता 6.4 रिक्टर स्केल मापी गई थी. बुधवार को असम ही नहीं बल्कि पूर्वोत्तर के कई राज्यों में आए थे भूकंप के झटके
वहीं, बुधवार की सुबह असम की राजधानी गुवाहाटी में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.43 मैग्नीट्यूड की थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें कई मिनट तक यह झटके महसूस हुए. भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई इमारतों में दरारें पड़ गईं. बताया जा रहा है कि लोगों ने दो बार झटके महसूस किए. भूकंप के बाद कई इलाकों की बिजली गुल हो गई. हालांकि अभी तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आई है.
Earthquake of magnitude 3.3 on the Richter scale hit Sonitpur, Assam at 1617 hours: National Center for Seismology
— ANI (@ANI) April 29, 2021
भूकंप आने पर क्या करें?
- भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं.
- या फिर अगर आपके घर में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए.
- भूकंप आने के दौरान घर के अंदर ही रहें और जब झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें.
- भूकंप के दौरान घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें.
भूकंप आने पर क्या ना करें?
- भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर है तो कोशिश करें कि ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें.
- भूकंप के समय अगर आप घर में हैं तो बाहर न निकलें। जहां हैं वही खुद को सुरक्षित करने के प्रयास करें.
- भूकंप आने पर अगर आप घर में हैं तो दरवाजे, खिड़कियों और दीवारों से दूर रहें.
- भूकंप के वक्त लिफ्ट का इस्तेमाल तो भूलकर भी न करें.
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. दरअसल भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है. मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है. जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है.
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