असम में 'उल्फा समर्थक पोस्ट' के आरोप में छात्रा को जेल में बंद रखने पर बढ़ा आक्रोश

असम में एक छात्रा को कथित रूप से उल्फा के समर्थन में फेसबुक पोस्ट के आरोप में जेल में बंद रखने पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

असम में एक छात्रा को कथित रूप से उल्फा के समर्थन में फेसबुक पोस्ट के आरोप में जेल में बंद रखने पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

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Iftekhar Ahmed
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'उल्फा समर्थक पोस्ट' के आरोप में छात्रा को जेल में बंद रखने पर आक्रोश( Photo Credit : Viral Photo)

असम में एक छात्रा को कथित रूप से उल्फा के समर्थन में फेसबुक पोस्ट के आरोप में जेल में बंद रखने पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है. आरोप है कि जोरहाट कॉलेज में गणित के द्वितीय वर्ष की छात्रा 19 वर्षीय बरसश्री बुरागोहेन ने प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा के समर्थन में फेसबुक पोस्ट किया था. इसके बाद उसे 18 मई को गोलाघाट से गिरफ्तार कर लिया गया था. बुरागोहेन पर पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 10 और 13 के तहत आरोप लगाया गया था. इस वक्त वह गोलाघाट जिला जेल में बंद हैं. मामले की सुनवाई फिलहाल गुवाहाटी उच्च न्यायालय में चल रही है और अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी. 

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इस बीच बुरागोहेन की रिहाई की मांग जोर पकड़ने लगी है. उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ लोगों में भारी आक्रोश है. इन सबसे बेपरवाह पुलिस का कहना है कि कानून अपना रास्ता अपनाएगा. मीडिया में आई उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर की कॉपी के मुताबिक बुरागोहेन ने असमिया में लिखी गई पंक्तियां 'स्वाधीन ज़ुरुजोर डिक्स एको एकुज, एको कोरिम रास्त्रो द्रुह' यानी स्वतंत्रता के सूरज की ओर एक और कदम, एक बार फिर, मैं देशद्रोह करूंगा. एक है. पुलिस के मुताबिक उल्फा का समर्थन, एक बड़े "आपराधिक साजिश" और "भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का इरादा" की ओर इशारा करता है. प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि बुरागोहेन ने खुद स्वीकार किया था कि उसने पोस्ट लिखा था.

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इस बीच बुद्धिजीवियों और विपक्षी नेताओं ने बुरागोहेन की रिहाई की मांग की है. कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने कहा है कि मैं बुरागोहेन की रिहाई की मांग करता हूं, जिसे क्रांतिकारी कविता लिखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एक अन्य कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने भी उनकी रिहाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि बरखाश्री एक नवोदित कवयित्री हैं, जो पत्रों के माध्यम से अपनी अदम्य मुक्त-प्रवाहित आत्माओं को व्यक्त करती रही हैं, लेकिन कभी भी ऐसा कुछ नहीं कहा या किया है जो आतंकवाद के दायरे में आता है या जिसे भारत विरोधी बताया जा सकता है.

उसे रिहा करने की मांग के बाद, असम पुलिस के विशेष डीजीपी (कानून और व्यवस्था) जीपी सिंह ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है. सिंह ने मैं देशद्रोह करूंगा जैसे शब्दों का हवाला देते हुए कहा कि बुरागोहेन ने "युद्ध छेड़ने के लिए एक विशिष्ट आह्वान" किया था. उन्होंने आगे कहा कि जब कोई सार्वजनिक रूप से एक प्रतिबंधित संगठन के लिए समर्थन का दावा करता है और भारतीय राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे की घोषणा करता है, तो हम कानूनी रूप से उस व्यक्ति पर मुकदमा चलाने के लिए बाध्य हैं. उन्होंने आगे कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया जाएगा. कानून को अपना काम करने दें. 

बुरागोहेन के वकील ए दिहिंगिया ने मीडिया को बताया कि पोस्ट में कहीं भी "उल्फा-आई" शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि पोस्ट को संगठन से जोड़ा गया है, क्योंकि इसमें 'सूर्य' का उल्लेख है - जो उल्फा-आई का प्रतीक है. उसके वकील ने कहा कि बुरागोहेन जोरहाट के टोंक में एक बहुत गरीब परिवार से है. उसके भाई अरिंदोम ने मीडिया को बताया कि उसे अचानक गिरफ्तार किया गया था, जब वह मई में पड़ोसी शहर में एक दोस्त से मिलने जा रही थी. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि उसने वास्तव में क्या लिखा था, लेकिन वह फेसबुक पर लिखती रहती है. हम जानते हैं कि वह किसी राष्ट्र-विरोधी समूह या उल्फा से नहीं जुड़ी हैं. मेरे पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं, हम बहुत कठिन समय से गुजर रहे हैं. अरिंदोम ने कहा कि जब वह हाल ही में जेल में अपनी बहन से मिला, तो उसने उससे कहा कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है और केवल एक कविता लिखी है. उसकी परीक्षा 16 जुलाई को होनी है और वह उनके लिए बैठने के लिए बहुत उत्सुक है. 

Source : News Nation Bureau

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