असम में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जमकर हिंसा हो रही है. उग्र प्रदर्शन में कई बसों को फूंक दिया गया है. वहां की हालात बहुत ही खराब है. असम के गवर्नर जगदीश मुखी ने लोगों से हिंसा ना करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि मैं असम में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों, भाइयों और बहनों से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे अपना विरोध करते समय नियंत्रण ना खोएं. राज्य में शांति बनाए रखें.
यह भी पढ़ें- जब लोकसभा में मुलायम सिंह यादव ने ओम बिरला से पूछा... सत्ता पक्ष कहां है?
राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने असम के हितों की रक्षा के लिए सदन के पटल पर एक आश्वासन दिया है. उन्होंने असम समझौते के खंड 6 के अनुसार असम के मूल निवासियों की संस्कृति, भाषा और अधिकारों की रक्षा करने का आश्वासन भी दिया है. बिल के खिलाफ जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें समझने की जरूरत है. सरकार पर विश्वास बनाए रखने की जरूरत है. बिल से किसी भी लोगों का अहित नहीं होने वाला है.
यह भी पढ़ें- इंदौर में चना महंगा, मसूर, तुअर, उड़द के भाव में कमी
बता दें कि लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया. बिल पास होने के बाद असम में बिल के खिलाफ जमकर विरोध होने लगा. इसके विरोध में कई संगठन के लोग सड़क पर आ गए. पूर्वोत्तर के लोगों का कहना है कि सरकार जब गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक को नागरिकता मिलेगी तो वे लोग हमारे संसाधन को कम करेंगे. जिसके चलते हमलोगों को काफी दिक्कत होगी.
यह भी पढ़ें- फोर्टिस के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर सिंह को ED ने किया गिरफ्तार, कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज
वहीं अमित शाह ने सदन में कहा था कि इस बिल से किसी का भी अहित होने वाला नहीं है. इससे किसी की भी नागरिकता जाएगी नहीं, बल्कि नागरिकता मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस बिल से करोड़ों पीड़ितों के सपने पूरो होंगे. असम के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है औऱ ना ही इस देश के मुसलमान को डरने की जरूरत है.
Source : News Nation Bureau