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AGP नेताओं ने असम में अपने मंत्रियों से इस्‍तीफा देने को कहा, CAA पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी पार्टी

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2019) पर मचे बवाल के बीच असम में बीजेपी (BJP) की सर्वानंद सोनोवाल (Sarvanand Sonowal) की सरकार में सहयोगी पार्टी असम गण परिषद (Assam Gan Parishad) ने अपने मंत्रियों से इस्‍तीफा देने की अपील की है.

Updated on: 16 Dec 2019, 08:51 AM

नई दिल्‍ली:

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2019) पर मचे बवाल के बीच असम में बीजेपी (BJP) की सर्वानंद सोनोवाल (Sarvanand Sonowal) की सरकार में सहयोगी पार्टी असम गण परिषद (Assam Gan Parishad) ने अपने मंत्रियों से इस्‍तीफा देने की अपील की है. पार्टी नेताओं ने अपने शीर्ष नेतृत्व से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. AGP नेता दीपक दास (Deepak Das) ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने के लिए पार्टी उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में याचिका दायर की जाएगी. अगप की गुवाहाटी इकाई ने अंबारी इलाके में पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और पार्टी प्रमुख अतुल बोरा (Atul Bora) सहित तीन मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की. अगप नेता और असम के मंत्री केशव महंत (Keshav Mahantha) ने कहा कि पार्टी ने अपने ‘पुराने रुख’ को नहीं छोड़ा है और वह नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही है. छात्र संगठन आसू (AASU) और एजेवाईसीपी (AJYCP) ने भी कानून वापस लेने की मांग करते हुए राज्य भर में रैलियां निकालीं.

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उधर, भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, असम के गुवाहाटी में दो और लोग गोली लगने से मारे गए जिससे पुलिस गोलीबारी में मरने वालों की संख्या चार हो गई है. दूसरी ओर, प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पांच लोग मारे गए हैं. उधर, असम साहित्य सभा ने भी इस कानून के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख करने का फैसला किया है. पुलिस ने बताया कि राज्य भर में 175 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 1406 लोगों को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है.

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उधर, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने मौजूदा हालात को लेकर कैबिनेट सहयोगियों, केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली, सांसदों, विधायकों, असम बीजेपी अध्यक्ष रंजीत कुमार दास के साथ गुवाहाटी में बैठक की. असम में इन दिनों नागरिकता कानून का उग्र विरोध हो रहा है. प्रदर्शनकारियों ने 3 रेल स्टेशनों, एक पोस्ट ऑफिस, एक बैंक, एक बस टर्मिनस समेत कई सार्वजनिक संपत्तियों को फूंक दिया है. इनके अलावा कई दुकानों, दर्जनों गाड़ियों और कई सार्वजनिक संपत्तियों को या तो फूंक दिया गया है या तोड़फोड़ हुई है.

असम में नागरिकता संशोधन कानून का व्‍यापक विरोध हो रहा है. राज्य में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और शांति व्यवस्था कायम करने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने का ऐलान किया गया है. 16 दिसंबर तक यानी 48 घंटे तक असम में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी. असम, मेघालय, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और दिल्‍ली समेत देश के कई हिस्‍सों में प्रदर्शन के बाद अब मुंबई में भी इस कानून का विरोध हो रहा है. दिल्ली के जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में भी विरोध प्रदर्शन हुआ.

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अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं राजनीतिक विभाग) संजय कृष्ण ने बताया है कि असम के 10 जिलों में सोमवार को इंटरनेट सेवा बंद रहेगी. असम के लखीमपुर, तिनसुकिया, धेमाजी, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.