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पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश इलाकों से AFSPA हटने पर जानें क्या बोले CM हिमंत बिस्वा सरमा

केंद्र की मोदी सरकार ने असम, नगालैंड और मणिपुर में आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) के तहत आने वाले अशांत इलाकों को कम करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में सुरक्षा की दृष्टि से लगातार हालात सुधर रहे हैं.

Updated on: 01 Apr 2022, 05:06 PM

नई दिल्ली:

केंद्र की मोदी सरकार ने असम, नगालैंड और मणिपुर में आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) के तहत आने वाले अशांत इलाकों को कम करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में सुरक्षा की दृष्टि से लगातार हालात सुधर रहे हैं. पूर्वोत्तर राज्य असम, नगालैंड और मणिपुर के अशांत इलाकों को बस कम करना शुरुआत है. जितनी स्पीड से घुसपैठ को खत्‍म करने को समझौते हो रहे हैं, उससे असम और मणिपुर में जल्‍द ही अफस्पा की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन नगालैंड में अभी NSCN (IM) और NSCN (Khaplang) जैसे घुसपैठी समूहों से वार्ता और स्‍थायी सेटलमेंट पर चर्चा चल रही है. राज्य के अधिकांश इलाकों से अफस्पा हटने के बाद असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में कहा कि राज्य के अधिकांश हिस्सों से अफस्पा हटने के बाद यहां शांतिपूर्ण माहौल के नए क्षितिज का आगाज होगा. प्रदेश को विकास की नई ताकत मिलेगी. असम और पूर्वोत्तर की ओर से मैं इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री आभार व्यक्त करता हूं.

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) ने शुक्रवार को कहा कि मैं उल्फा-आई (ULFA-I) और अन्य उग्रवादी संगठनों से अपील करता हूं कि वे आगे आएं और शांति प्रक्रिया में हिस्सा लें ताकि हम सभी असम को देश का एक शक्तिशाली राज्य बना सकें.

आपको बता दें कि पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों से अफस्पा हटाने की मांग बहुत पुरानी है, लेकिन 2004 में कथित रूप से मणिपुरी महिला से बलात्‍कार और फिर हत्‍या के बाद मांग तेज हो गई. केंद्र की सत्ता में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने AFSPA वाले इलाकों की समीक्षा की. सबसे पहले मई 2015 में त्रिपुरा से 'अशांत क्षेत्र' खत्म कर दिए थे. इसके बाद मेघालय से भी मार्च 2018 में AFSPA को पूरी तरह हटा लिया गया. 

जानें क्या है अफस्पा?

पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू कश्मीर में कई सालों से अफस्पा कानून लागू है. अफस्पा के तहत 'अशांत क्षेत्र' में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने को सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार दिए गए हैं. इसके तहत सशस्त्र बलों को कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को चेतावनी देने के बाद बल का प्रयोग करने और गोली चलाने का अधिकार देता है. अफस्फा के तहत सशस्त्र बल के पास बिना किसी वारंट के व्यक्ति को गिरफ्तार करने और तलाशी लेने का भी अधिकार होता है.