मध्य प्रदेश के रीवा जिले में लव जिहाद के नाम पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां एक हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़का शादी के लिए कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन कुछ वकीलों ने ही उन पर हमला कर दिया. मामला अब तूल पकड़ चुका है, और प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है.
शादी करने पहुंचे तो हमला हो गया
रीवा कोर्ट में यह जोड़ा अपनी मर्जी से शादी करने आया था. लेकिन जैसे ही यह बात फैली, कुछ वकीलों ने उन पर हमला कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, वकीलों ने न सिर्फ लड़के बल्कि लड़की के साथ भी बदसलूकी की और उन्हें शादी न करने की धमकी दी.
'लव जिहाद' का एंगल या सिर्फ गुंडागर्दी?
हमले के बाद इस घटना को 'लव जिहाद' से जोड़कर देखा जा रहा है. कुछ संगठन इसे लव जिहाद का मामला बता रहे हैं, तो कुछ इसे कानून व्यवस्था की नाकामी मान रहे हैं. सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर दो बालिग अपनी मर्जी से शादी करना चाहते हैं, तो इसमें किसी को दिक्कत क्यों होनी चाहिए?
पुलिस की क्या रही भूमिका?
घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जोड़े को सुरक्षित निकाला. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है. लेकिन यह घटना एक गंभीर सवाल खड़ा करती है—क्या अब कानून के रक्षक ही न्यायालय परिसर में कानून तोड़ने लगे हैं?
प्यार पर पहरा कब तक?
यह घटना सिर्फ एक कपल की नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सबक है. अगर एक लोकतांत्रिक देश में दो लोग अपनी मर्जी से शादी नहीं कर सकते, तो यह संविधान और कानून की हार होगी. प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी व्यक्ति को उसकी मर्जी से शादी करने के अधिकार से वंचित न किया जाए.
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