/newsnation/media/media_files/2024/11/01/fpoeYWFdmzJoqQUOhjIu.jpg)
MP News: Bandhavgarh में हाथियों की रहस्यमयी मौत से हड़कंप, अबतक मर चुके हैं 10 जानवर, जांच में जुटी एजेंसियां
Bandhavgarh Elephant Deaths: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक हफ्ते में रहस्यमयी तरीके से 10 हाथियों की मौत हो गई है, जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है. प्रशासन को समझ में नहीं आ रहा है कि हाथियों की मौत कैसे हो रही है. हाथियों की मौत की वजह पता लगाने के लिए सरकार ने टीम लगा दी है. अब जांच एजेंसियां हाथियों की मौत की वजह पता लगाने में पूरी मुस्तैदी के साथ जुटी हुई हैं.
ये भी पढ़ें: Free LPG Cylinder: दीपावली पर आई बड़ी खुशखबरी, फ्री में मिल रहा LPG सिलेंडर, जानें- क्या है दीपम-2 योजना
जहरीला बाजार खाने से मौत?
रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व यानी BTR में जहरीला पदार्थ खाने से तीन और जंगली हाथियों की मौत हो गई है जिससे इस सप्ताह अब तक मरने वालों की संख्या 10 हो गई है. बताया जा रहा है कि हाथियों का ये झुंड बाजारे के खेत में गया था. वहां बाजारा खाया था. इस इलाके में पुराने और बुजुर्ग किसान परंपरागत मोटे अनाज की खेती करते रहे हैं. उनका मानना है कि बाजरा की फसल में अगर नाग-नागिन का जोड़ा मेटिंग पीरियड में खेत में लोट जाय या घूम जाय तो उतने एरिया की फसल जहरीली हो जाती है.
ये भी पढ़ें: Chhath Pooja Holiday: छठ पूजा के लिए दिल्ली CM आतिशी का बड़ा ऐलान, इस दिन रहेगी सार्वजनिक छुट्टी, लोग खुश
जांच में जुटी जांच एजेंसियां
वहीं, पशु चिकित्सकों ने भी आशंका जाहिर की है कि बाजारे से जुड़े मायकोटॉक्सिन की संभावना हो सकती है. हाथियों की मौत को लेकर मध्य प्रदेश का प्रशासन जांच में जुटा है. वन विभाग से लेकर एनिमल हेल्थ डिपार्टमेंट भी एक्शन मोड में है. बताया जा रहा है कि टीम 5 किलोमीटर के एरिया में जांच करेगी.
- आसपास के खेत और वहां होने वाली फसल देखेगी, जहां भी हाथियों ने पानी पीया वो स्थान देखेगी.
- हाथियों के मल की भी जांच की जाएगी, जिस वॉटर होल में हाथियों ने मस्ती की उसकी भी जांच की जाएगी.
- हाथियों के मूवमेंट वाले इलाके में जमीन, पेड़ और पौधों की जांच की जाएगी.
ये भी पढ़ें: Big News: नेपाल बॉर्डर से लेडी डॉन अन्नू धनखड़ अरेस्ट, गैंगस्टर हिमांशु भाऊ की है गर्लफ्रेंड, इतनी है खतरनाक
देश में कुल 16 हैं एलीफेंट रिजर्व
देश में हाथियों के लिए कुल 16 एलीफेंट रिजर्व हैं, लेकिन हाथियों की आबादी के लिहाज से ये अब कम पड़ने लगे हैं. एक वजह ये भी है कि हाथियों को अपने कोर जोन से निकलकर रिहायशी बस्तियों और खेत खलिहान का रुख कर रहे हैं. एक आकंड़े की माने तो पिछले 5 साल में 528 हाथियों की मौत हुई है. ये आकंड़े चौंकाने वाले हैं.