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Manipur Violence: मणिपुर में ड्रोन हमले के बाद बढ़ी चिंता, जानें देश के लिए क्यों माना जा रहा बड़ा खतरा

Manipur Violence: मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा की आग भड़कने लगी है. राज्य में हुए ड्रोन हमलों के बाद से सरकार चिंतित है. जिसने देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर दिया है. क्योंकि उग्रवादियों ने पहली बार हमला करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है.

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Suhel Khan
New Update
Manipur Violence 4 September
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Manipur Violence: पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में पिछले साल शुरू हुआ हिंसा का दौर अभी भी जारी है.  हाल के दिनों में एक बार फिर से राज्य में तनाव बढ़ गया है. जिसने देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर दिया है. दरअसल, रविवार को मणिपुर में तब तनाव बढ़ गया जब अज्ञात कुकी उग्रवादियों ने मैतई समुदायों के गांवों पर ड्रोन से बम हमला कर दिया. इसके बाद इंफाल पश्चिम जिले के सेजम चिरांग और उसके पास के कोऊतरक में दो दिनों के भीतर दो और ड्रोन और बंदूक हमले हुए. इन हमलों में दो लोगों की मौत हो गई. जबकि 12 लोग घायल हो गए.

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ड्रोन हमले ने बढ़ाई चिंता

मणिपुर में ड्रोन हमले के बाद चिंता ज्यादा बढ़ गई है. क्योंकि कि राज्य में पहली बार हमला करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. जिससे उग्रवादियों की ताकत के बारे में पता चलता है. क्योंकि अब उग्रवादी हमला करने के लिए आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल करने लगे हैं. इस बीच मणिपुर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) राजीव सिंह ने कल (मंगलवार)  कदंगबैंड, कौट्रुक और सेनजाम चिरांग समेत कांगचुप पहाड़ी इलाकों में ड्रोन हमलों वाले स्थानों का दौरा किया. इन ड्रोन हमलों के बाद सरकार की चिंता बढ़ गई है और इसके चलते देश की सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया है.

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देश के लिए क्यों खतरा है मणिपुर में ड्रोन हमला?

बता दें कि पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में कुकी और मैतई समुदाय के बीच पिछले साल मार्च में संघर्ष शुरू हुआ. इस संघर्ष में कई लोगों की मौत हो गई. पिछले डेढ साल से चल रहा ये संघर्ष कुछ महीनों से कम हुआ था लेकिन अचानक रविवार को अज्ञात कुकी उग्रवादियों ने ड्रोन से हमला कर दिया. उन्होंने इस हमले से मैतई समुदाय के गांव को निशाना बनाया.

ये ड्रोन हमला एक बड़ा हमला माना जा रहा है कि क्योंकि इस ड्रोन हमले को एकदम से अंजाम नहीं दिया गया है, बल्कि इसके लिए पूरी प्लानिंग की गई और ड्रोन के जरिए गांवों पर बम बरसाए गए. बता दें कि ज्यादातर मौकों पर ड्रोन का इस्तेमाल गृह युद्ध और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के आर-पार हमला करने के लिए किया जाता है. लेकिन मणिपुर जैसे राज्य में ड्रोन से हमला किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है. बता दें कि साल 2020 में नागोर्नो काराबाख युद्ध के बाद से ड्रोन हमले का ट्रेंड चलने लगा. हालांकि अमेरिका लंबे समय से ड्रोन अटैक करता आ रहा है.

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दोनों गुटों में बढ़ सकता है तनाव

इन ड्रोन हमलों के बाद दोनों गुटों में तनान बढ़ सकता है, क्योंकि अभी तक मणिपुर युद्ध में पारंपरिक हथियारों का इस्तेमाल हो रहा था और अब ड्रोन से हमला ने इस संघर्ष में आधुनिक हथियारों की ओर मोड़ दिया है. यही नहीं इस हिंसा में अब तक जो लोग बचे हुए थे वे भी अब उग्रवादियों के निशाने पर आ सकते हैं. इससे भी बड़ा खतरा ये है कि ड्रोन का इस्तेमाल भारतीय सीमा के पार से भी किया जा सकता है, उग्रवादी इसका फायदा उठाना चाहेंगे. अगर ऐसा हुआ तो उनपर काबू पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा.

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ड्रोन हमले के बाद मणिपुर के डीजीपी भी कह चुके हैं कि इसे रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह नई चीज है और चीजें बिगड़ गई हैं. हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने एनएसजी से बात की है साथ ही एक्सपर्ट्स भी आ रहे हैं. इसके अलावा ड्रोन की गंभीरता से जांच करने के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही ड्रोन हमलों से निपटने के लिए साधन तलाशेंगे.

North East Manipur violence drone attack Kuki Vs Meitei kuki community
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