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समय से पहले महाराष्ट्र में क्यों लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, गृह मंत्रालय ने बताई वजह

महाराष्ट्र में राज्यपाल की तरफ से दी गई समयसीमा में कोई भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाई जिसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया

Updated on: 13 Nov 2019, 11:35 AM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में राज्यपाल की तरफ से दी गई समयसीमा में कोई भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाई जिसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. इस घोषणा के बाद ही शिवसेना ने फैसले पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए. शिवसेना के एक नेता ने तो इसे बीजेपी की साजिश तक करार दे दिया. वहीं अब इस मामले पर गृह मंत्रालय का जवाब सामने आया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय ने बताया है कि राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए हर संभव तरीके को देखा. उन्हें जब लगा कि राज्य में कोई भी स्थिर सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाएगा तब जाकर उन्होंने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की. गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि राज्यपाल ने ये कदम तब उठाया जब एनसीपी ने सरकार गठन के लिए तीन दिन का समय और मांगा.

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इसके साथ ही गृमंत्रालय की तरफ से ये भी कहा गया कि राष्ट्रपति शासन पर उस समय विचार किया जाएगा जब कोई पार्टी पूरे नंबर लेकर सामने आएगी.

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बता दें, इससे पहले राष्ट्रपति शासन लगाने की राज्यपाल की सिफारिश पर शिवसेना ने कहा कि, एनसीपी के पास बहुमत साबित करने के लिए मंगलवार रात 8.30 बजे तक समय था लेकिन इसके बावजूद राज्यपाल ने ये कदम उठाया. मंगलवार को उद्धव ठाकरे ने कहा, आज तक किसी भी राज्य को ऐसा राज्यपाल नहीं मिला.  ठाकरे ने राज्यपाल पर तंज कसते हुए कहा, 'महाराष्ट्र के राज्यपाल ने बीजेपी को दी गयी समयसीमा समाप्त होने से पहले ही हमें सरकार बनाने के लिए पत्र दिया. जब हमने राज्यपाल से और समय मांगा तो उन्होंने नहीं दिया. हमने राज्यपाल से 48 घंटे मांगे थे लेकिन अब लगता है कि उन्होंने हमें सरकार बनाने के लिए पर्याप्त छह महीने दे दिए हैं.'