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मुंबई में टीपू सुल्तान को लेकर क्यों गरमाई है सियासत, क्या है पूरा विवाद ?

मुंबई में एक खेल परिसर का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के विरोध में गुरुवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था.

Updated on: 28 Jan 2022, 01:45 PM

highlights

  • टीपू सुल्तान को लेकर एमवीए और बीजेपी में तनातनी बढ़़ी
  • बीजेपी इस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर निशाना साध रही है
  • कांग्रेस और शिव सेना ने कहा- राष्ट्रपति भी कर चुके हैं टीपू सुल्तान की तारीफ

मुंबई :

Tipu Sultan Controversy in Mumbai : मुंबई गार्डन का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने को लेकर महा विकास आघाडी (एमवीए) और बीजेपी में तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है. मालवानी में एक खेल परिसर का नाम टीपू सुल्तान के नाम को लेकर तेज हो रही सियासत के बीच कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी वर्ष 2017 में कर्नाटक विधानसभा में मैसूर शासक टीपू सुल्तान की तारीफ की थी. इससे पहले शिव सेना नेता संजय राउत ने बीजेपी को घेरते हुए कहा था कि राष्ट्रपति कोविंद ने कर्नाटक जाकर टीपू सुल्तान की प्रशंसा की थी कि वह एक ऐतिहासिक योद्धा एवं स्वतंत्रता सेनानी थे. तो क्या आप राष्ट्रपति का इस्तीफा भी मांगेंगे? टीपू सुल्तान को लेकर मुंबई में सिसायत पूरी तेज हो गई है. बीजेपी इस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर निशाना साध रही है. भाजपा ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया था कि खेल परिसर का नाम सुल्तान के नाम पर रखा गया है. बीजेपी ने इस नाम पर आपत्ति जताते हुए दावा किया कि सुल्तान ने हिंदुओं को सताया था और इसलिए उनका नाम जनता के लिए पूरी तरह अस्वीकार्य है.  

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क्या है पूरा मामला

मैसूर किंग टीपू सुल्तान मुंबई में एक विवाद के केंद्र में है, जिसमें बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस नेता और मुंबई उपनगरीय मंत्री असलम शेख 17 वीं शताब्दी के शासक के बाद मुस्लिम बहुल मालवानी इलाके में एक खेल के मैदान का नाम रखने की योजना बना रहे हैं. 
मालवानी में भाजपा के विरोध का क्या कारण था? वर्तमान विवाद मलाड के पश्चिमी उपनगर में मुस्लिम बहुल इलाके मालवानी में स्थित एक खेल के मैदान को लेकर है. इस मैदान को स्थानीय लोगों द्वारा टीपू सुल्तान ग्राउंड के नाम से जाना जाता है और पिछले साल दिसंबर में शेख जो मालवानी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने विधायकों को दिए गए क्षेत्र विकास कोष के माध्यम से जमीन को नवीनीकृत करने और सुविधाओं को जोड़ने का फैसला किया. परियोजना पर काम पूरा हो गया था और शेख ने बुधवार को एक समारोह आयोजित करने का फैसला किया था जिसमें कहा गया था कि परिसर उपयोग के लिए तैयार है. हालांकि, भाजपा ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य परिसर का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखना था और कथित कदम का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में भाजपा और दक्षिणपंथी कार्यकर्ता मालवानी पहुंचे.

फडणवीस ने किया विरोध

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, हम एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर मैदान का नाम नहीं रखने देंगे जो बड़ी संख्या में हिंदुओं की मौत के लिए जिम्मेदार है. 
बड़ी संख्या में भाजपा, विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता विरोध करने के लिए परिसर के बाहर जमा हो गए. मुंबई पुलिस ने बड़ी भीड़ को तितर-बितर कर दिया और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया.

इस मुद्दे पर एमवीए का क्या रुख है?

एमवीए इस मुद्दे पर अस्पष्ट है. न तो शेख और न ही शिवसेना ने खुले तौर पर कहा कि वे टीपू सुल्तान के नाम पर मैदान का नाम रखने के पक्ष में हैं. शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम ने पार्क का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है. शेख ने कहा कि इस मैदान को कई वर्षों तक टीपू सुल्तान ग्राउंड के नाम से जाना जाता था और मैदान का नाम बदलने के लिए कोई आधिकारिक कदम नहीं उठाया गया था. इस मैदान को बड़ी संख्या में वर्षों से टीपू सुल्तान ग्राउंड के रूप में जाना जाता है. मैं केवल उन नई सुविधाओं का उद्घाटन करने आया हूं, जिनका काम पहले किया गया था और अब पूरा हो गया है. शेख ने दावा करते हुए कहा कि भाजपा इस मुद्दे को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश कर रही है. शेख ने कहा, दिलचस्प बात यह है कि अतीत में कई भाजपा पार्षदों ने टीपू सुल्तान के नाम पर स्थानों के नामकरण का समर्थन करते हुए पत्र लिखे हैं. वह आज अचानक कैसे बीजेपी के लिए अभिशाप बन गए हैं. क्या बीजेपी टीपू सुल्तान के नाम पर जगहों के नामकरण का समर्थन करने वाले अपने नेता से इस्तीफा देने के लिए कहेगी?  शेख ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि टीपू सुल्तान के साथ पार्क कैसे जुड़ गया.  शेख ने कहा, बीएमसी की एक नीति है, जिसके तहत वह उन स्थानों के नाम नहीं बदलती है, जो स्थानीय निवासियों द्वारा प्रसिद्ध भारतीय हस्तियों के नाम पर रखे जाते हैं. शेख ने कहा कि क्या बीएमसी जो पार्कों के नामकरण और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है, ने मैदान के नाम को मंजूरी दी थी.

शिव सेना ने कहा, अभी कोई मंजूरी नहीं दी है

इस बीच, शिवसेना ने यह कहते हुए कदम से दूरी बना ली कि बृहन्मुंबई नगर निगम ने टीपू सुल्तान के नाम पर मैदान का नाम रखने के किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है. आदित्य ठाकरे ने कहा, कोई नामकरण नहीं हुआ था. इन मुद्दों पर बीएमसी का अधिकार है और नामकरण का कोई प्रस्ताव बीएमसी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है. क्या यह पहली बार है कि टीपू सुल्तान ने मुंबई में एक राजनीतिक झगड़े के लिए कैटालिस्ट के रूप में काम किया है? वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत कहना है कि बीजेपी को लगता है कि इतिहास की जानकारी उसे ही है. संजय राउत ने कहा, हमें टीपू सुल्तान के बारे में पता है. हमें बीजेपी से ये जानने की आवश्यकता नहीं. राज्य सरकार फ़ैसले लेने में सक्षम है. नया इतिहास मत लिखिए. आप दिल्ली में इतिहास बदलने की कोशिश करते रहिए, लेकिन आप सफल नहीं होंगे.

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

मुंबई में एक खेल परिसर का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के विरोध में गुरुवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था. इसे लेकर मुंबई पुलिस ने दल के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. महाराष्ट्र सरकार ने इस विरोध-प्रदर्शन को लेकर भाजपा को निशाने पर निशाने पर लिया था. भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से कहा कि टीपू सुल्तान अपने राज्य में हिंदुओं के उत्पीड़न के लिए एतिहासिक रूप से जाने जाते हैं। भाजपा कभी भी ऐसे लोगों का सम्मान स्वीकार नहीं करेगी. टीपू सुल्तान के नाम पर बाग का नाम रखे जाने का फैसला रद्द कर दिया जाना चाहिए. 

सपा पार्षद रुखसाना ने टीपू सुल्तान के नाम को लेकर पहले लिखा था पत्र

पिछले साल जनवरी में गोवंडी से समाजवादी पार्टी की पार्षद रुखसाना सिद्दीकी ने मार्केट एंड गार्डन कमेटी को एक पत्र लिखा था जिसमें सुझाव दिया गया था कि दो एकड़ में फैले एक नए विकसित मैदान का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा जाए क्योंकि वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.  हालांकि, इस कदम को दक्षिणपंथी संगठन हिंदू जनजागृति समिति (HJS) और बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आलोचना की, जिन्होंने दावा किया कि टीपू सुल्तान एक हिंदू विरोधी नेता थे और उनके नाम पर एक मैदान का नामकरण करने से एक समुदाय के धार्मिक भावनाओं को आहत करेगा. बीएमसी को नियंत्रित करने वाली शिवसेना ने अभी तक नाम बदलने पर कोई फैसला नहीं लिया है. क्या मुंबई में और भी जगहों का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा गया है? अंधेरी में एक सड़क है जिसका नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा गया है. गोवंडी में एक और सड़क है जिसका नाम मैसूर राजा के नाम पर रखा गया है. सड़कों का नाम तब रखा गया था जब शिवसेना-भाजपा गठबंधन बीएमसी पर शासन कर रहा था.

टीपू सुल्तान की मुंबई में इतनी गूंज क्यों ?

वर्ष 2015 से महाराष्ट्र में एआईएमआईएम जैसे राजनीतिक दलों के उदय के बाद से टीपू सुल्तान जैसी ऐतिहासिक शख्सियतों को मुस्लिम युवा राजनीतिक दावे के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. 17वीं सदी के मैसूर के मुस्लिम शासक टीपू सुल्तान की प्रशंसा करते हुए बड़ी संख्या में तस्वीरें महाराष्ट्र के क्षेत्रों में विशेष रूप से मराठवाड़ा में आने लगी हैं और स्थानीय लोगों का दावा है कि ये पोस्टर भारत में मुसलमानों के योगदान और इतिहास को दिखाने के लिए मुस्लिम युवाओं का एक तरीका है. भाजपा भी पिछले कुछ महीनों से कह रही है कि मालवानी में हिंदुओं को परेशान किया जा रहा है, जहां मुस्लिम आबादी बड़ी है. नगर प्रमुख मंगल प्रभात लोढ़ा सहित भाजपा नेता मालवानी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि हिंदुओं को लोका छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है.