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अनिल देशमुख के इस्तीफे पर देवेंद्र फडणवीस बोले 'CM उद्धव आखिर मौन क्यों ?'

इस मीटिंग में एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar), अजित पवार (Ajit Pawar) और सुप्रिया सुले (Supriya Sule) के अलावा अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) भी मौजूद थे. इस बैठक के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है.  

Updated on: 05 Apr 2021, 04:41 PM

महाराष्ट्र :

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद से महाराष्ट्र की सियासत में लगातार हलचल है. इस मामले में जयश्री पटेल की याचिका पर आज बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसले सुनाते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. हालांकि सीबीआई तुरंत इस मामले में केस दर्ज नहीं करेगी. वहीं इसी बीच एनसीपी (NCP) ने इस मामले पर एक हाई लेवल की बैठक की. 

इस मीटिंग में एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar), अजित पवार (Ajit Pawar) और सुप्रिया सुले (Supriya Sule) के अलावा अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) भी मौजूद थे. इस बैठक के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है.  अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज प्रेस वार्ता कर पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के साथ-साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी कई सवाल खड़ा किये.  पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूछा कि आखिर इस विवाद पर मुख्यमंत्री मौन क्यों हैं ? 

उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख का इस्तीफा बहुत पहले आ जाना चाहिए था.  इस सरकार में एक रैकेट चल रहा था. सचिन वाझे के मामले में जो-जो तथ्य सामने आए हैं, वो हैरान करना वाली है. उन्होने कहा कि उद्धव सरकार को अनिल देशमुख को इस्तीफा पहले ही ले लेना चाहिए था. लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अनिल देशमुख का इस्तीफा नहीं लिया. आखिर उच्चतम न्यायलय को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा जिसके कारन अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा है. लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अभी तक मौन क्यों हैं ? पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के अस्मिता के साथ यह सरकार एक तरीके का कोम्प्रोमाईज़ कर रही है.  पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के अस्मिता के साथ यह सरकार एक तरीके का कोम्प्रोमाईज़ कर रही है.   यह सरकार पुलिस का उपयोग हप्ता वसूली और सेटलमेंट के लिए करने लग गयी थी. 

बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का ट्रांसफर होने के बाद उन्होंने एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें दावा किया था कि अनिल देशमुख द्वारा सचिन वाझे को मुंबई से सौ करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया गया था. परमबीर सिंह ने इनके अलावा भी अनिल देशमुख पर कई आरोप लगाए थे. परमबीर सिंह ने इस मामले में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने परमबीर सिंह को पहले हाईकोर्ट जाने के लिए कह दिया था. इसी के बाद परमबीर सिंह और अन्य लोगों ने अनिल देशमुख के खिलाफ एक्शन लेने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी.