शिवसेना नेता संजय राउत (Shiv Sena Leader Sanjay Raut) ने कहा है कि बीजेपी अगर सोचती है कि वह कर्नाटक मॉडल (Karnataka Model) पर काम कर रही है तो यह असंभव है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में कर्नाटक मॉडल (Karnataka Model) काम नहीं करेगा. संजय राउत (Sanjay Raut) ने भाजपा से राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए “कार्यवाहक” सरकार के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं करने को कहा. शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा (BJP) को शिवसेना (Shiv Sena) के पास तभी आना चाहिए जब वह महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद अपनी सहयोगी पार्टी के साथ साझा करने के लिए तैयार हो. शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल (नौ नवंबर को) समाप्त हो रहा है. कांग्रेस विधायकों को राज्य से बाहर भेजे जाने की खबर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राउत ने कहा, “डर क्यों है? कर्नाटक मॉडल महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा.”
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राज्यसभा सदस्य ने कहा, “भाजपा को कार्यवाहक प्रावधान को नहीं खींचना और पर्दे के पीछे से काम नहीं करना चाहिए. हमें बुरा नहीं लगेगा अगर भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सरकार बनाने का दावा पेश करती है और सरकार बनाती है.”
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि शिवसेना “जल्द” ही राज्यपाल बी एस कोश्यारी से मिलने वाली है. पार्टी सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी और ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद दिए जाने की मांग कर रही है. राउत ने कहा कि विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, राज्यपाल राज्य के सर्वेसर्वा होंगे.
केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी के मुंबई दौरे और सरकार गठन पर जारी गतिरोध को तोड़ने के लिए ‘मातोश्री’ (ठाकरे परिवार का आवास) जाने की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राउत ने कहा, “गडकरी मुंबई के निवासी हैं। उनका यहां आना कोई बड़ी बात नहीं है। वह अपने घर जाएंगे। क्या उन्होंने आपको बताया कि वह शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने के संबंध में पत्र ला रहे हैं?”
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भगवा सहयोगियों के बीच सत्ता को लेकर जारी खींचतान में हस्तक्षेप करने के मकसद से दक्षिणपंथी कार्यकर्ता संभाजी भिडे के बृहस्पतिवार को मातोश्री आने के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, “यह शिवसेना और भाजपा के बीच का मामला है। इसमें किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.”
पूर्व प्रधानमंत्री एवं भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ट्वीट किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह कविता, प्रेरणा का स्रोत है जो लगातार संघर्ष करने और रणभूमि छोड़ कर नहीं भागने की बात करती है. राज्य में 21 अक्टूबर को हुए चुनावों में 105 सीटें जीत कर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी भाजपा और 56 सीटें जीतने वाली उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अब तक साथ-साथ या अलग-अलग, सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है.
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गौरतलब है कि ‘महायुती’ के बैनर तले चुनाव लड़ने वाले ये दोनों दल चुनाव नतीजे आने के बाद से मुख्यमंत्री पद साझा किए जाने को लेकर उलझे हुए हैं. चुनाव में राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं.
Source : भाषा