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महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में सीएम (CM) कौन बनेगा, पता नहीं पर शपथ ग्रहण (swearing in) के लिए स्‍टेज बनाने की तैयारियां जोरों पर

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव परिणाम (Assembly Elections Results) आने के 10 दिन बाद भी सरकार बनने की रूपरेखा सामने नहीं आई है. यह पता नहीं है कि प्रदेश का अगला मुख्‍यमंत्री (Chief Minister) कौन होगा, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं.

Updated on: 03 Nov 2019, 07:06 AM

नई दिल्‍ली:

महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के 10 दिन बाद भी सरकार बनने की रूपरेखा सामने नहीं आई है. यह पता नहीं है कि प्रदेश का अगला मुख्‍यमंत्री कौन होगा, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. मुंबई में विधान भवन के कैंपस में शपथ ग्रहण के लिए स्‍टेज बनाए जा रहे हैं. लोगों में कौतूहल है कि जब सरकार बनने की स्‍थिति साफ नहीं हो पाई है तो आखिर स्‍टेज किसलिए बन रहे हैं. मुंबई में विधान भवन के कैंपस में शपथ ग्रहण के लिए स्‍टेज बनाने का काम जोरों पर है. यहां शामियाना और कुर्सियां भी लगाई जा रही हैं. अन्‍य जरूरी तैयारियां भी की जा रही हैं. हालांकि लोगों को अब तक यह पता नहीं है कि राज्‍य का अगला मुख्‍यमंत्री कौन होगा, किसकी सरकार बनेगी. विधान भवन में तैयारियां कराने वाले ठेकेदार का कहना है कि उससे 5 नवंबर तक काम पूरा करने के लिए बोला गया है.

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महाराष्ट्र की मौजूदा विधानसभा 9 नवंबर को समाप्‍त हो रही है. राज्‍य में अगर इस दिन तक सरकार नहीं बनी तो राष्ट्रपति शासन लगाना अपरिहार्य हो जाएगा. दूसरी ओर महाराष्‍ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच गतिरोध अभी जारी है. शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्‍यमंत्री पद की मांग कर रही ह, जो बीजेपी को नागवार गुजर रही है. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सहयोगी पार्टियों ने शिवसेना की मांग का समर्थन नहीं किया है.

बीजेपी के मांग नहीं मानने की स्‍थिति में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस की ओर देखना शुरू कर दिया है. एनसीपी और कांग्रेस में भी शिवसेना को समर्थन देने को लेकर एका नहीं हो पाया है. एनसीपी नेता नवाब मलिक शिवसेना के साथ जाने की पैरवी कर रहे हैं, लेकिन शरद पवार ने अभी तक अपने पत्‍ते नहीं खोले हैं. दूसरी ओर कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर शिवसेना के साथ जाने की दुहाई दी है. वहीं कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता सुशील कुमार शिंदे का मानना है कि शिवसेना चूंकि धर्म आधारित राजनीति करती है, इसलिए उसके साथ जाना मुनासिब नहीं होगा. शिवसेना से समर्थन नहीं मिलने की स्‍थिति में बीजेपी भी एनसीपी की ओर नजरें गड़ाए बैठी है.

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प्रदेश के गणित की बात करें तो इस बार 288 सीटों वाली महाराष्‍ट्र विधानसभा में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, कांग्रेस को 44 तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को 54 सीटें हासिल हुई हैं.