महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना में जारी गतिरोध के बीच एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने दोनों दलों पर करारा तंज कसा है. असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल पूछते हुए कहा, यह 50-50 क्या है, क्या यह नया बिस्किट है? आप 50-50 कितना करेंगे? महाराष्ट्र की जनता के लिए कुछ बचाएं. वे (भाजपा और शिवसेना) सतारा में हुई विनाश और बारिश के बारे में परेशान नहीं हैं. वे सभी 50-50 की बात करते हैं. यह किस तरह का 'सबका साथ सबका विकास' है? ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, उद्धव ठाकरे दो घोड़ों पर सवारी करना चाहते हैं. वे जनता को मूर्ख ना बनाएं.
A Owaisi:What is this 50-50,is this a new biscuit?How much 50-50 will you do?Save something for Maharashtra's public.They (BJP&Shiv Sena) are not bothered about the destruction rain has caused in Satara. All they talk about is 50-50.What kind of 'Sabka Sath Sabka Vikas' is this? pic.twitter.com/Ct4DFRLnDp
— ANI (@ANI) November 3, 2019
दरअसल, विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही बीजेपी और शिवसेना के बीच गतिरोध बना हुआ है. बीजेपी और शिवसेना के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन था और इस लिहाज से गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला है, लेकिन शिवसेना 50-50 यानी ढाई-ढाई साल के सीएम पद को लेकर अड़ी हुई है. दूसरी ओर बीजेपी को यह कतई मंजूर नहीं है. बताया जा रहा है कि शिवसेना ने बीजेपी से मांग की है कि सत्ता के बंटवारे से इनकार वाले बयान पर देवेंद्र फडणवीस बीजेपी की ओर से सफाई दें तो आगे बात की जा सकती है.
यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र में सीएम कौन बनेगा, पता नहीं पर शपथ ग्रहण के लिए स्टेज बनाने की तैयारियां जोरों पर
दूसरी ओर, शिवसेना से चल रही खींचतान के चलते बीजेपी ने अन्य विकल्प तलाशने शुरू कर दिए हैं. बीजेपी को अगर एनसीपी का साथ नहीं मिल पाता है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लागू किया जा सकता है. महाराष्ट्र बीजेपी के नेता सुधीर मुनगंटीवार ने इस तरह के बयान भी दिए हैं.
यह भी पढ़ें : पीएम मोदी को सुसाइड अटैक की धमकी देने वाली पाक की सिंगर का न्यूड वीडियो लीक
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भी बीजेपी शिवसेना के साथ बातचीत जारी रख सकती है. अगर दोनों में बात बन गई तो कभी भी सरकार बनाने पर फैसला हो सकता है. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है. 9 नवंबर तक नई सरकार नहीं बनी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना ही एकमात्र विकल्प होगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो