व्हेल मछली की सवा करोड़ की उल्टी की तस्करी में धरे गए दो लोग
जिन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनके नाम जॉन सुनील साठे, अजित हुकुमचंद बागमार, मनोज अली हैं. इस मामले में जॉन और अजित को अरेस्ट कर लिया गया है.
highlights
- व्हेल मछली की 1 करोड़ 10 लाख रुपये की उल्टी, पिंपरी पुलिस की बड़ी कार्रवाई
- व्हेल मछली की उल्टी को कहा जाता है तैरता सोना
- 550 ग्राम की व्हेल मछली की उल्टी की कीमत 1 करोड़ 10 लाख
नई दिल्ली:
व्हेल मछली की उल्टी जिसकी कीमत बाजार में करीब एक करोड़ दस लाख रुपये आंकी गई है, महाराष्ट्र के पुणे के करीब पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस द्वारा पकड़ी गई है. व्हेल मछली की यह उल्टी गैरकानूनी तरीके से बेचने के लिए कॉरियर से भेजी गई थी. तस्करी की जा रही इस उल्टी को पिंपरी-चिंचवड पुलिस के क्राइम ब्रांच की एक यूनिट ने पकड़ा है. तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और दो आरोपियों को पकड़ लिया गया है.
जिन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनके नाम जॉन सुनील साठे, अजित हुकुमचंद बागमार, मनोज अली हैं. इस मामले में जॉन और अजित को अरेस्ट कर लिया गया है. इस मामले में पुलिस कर्मचारी प्रमोद गर्जे ने एमआईडीसी भोसरी पुलिस थाने में शिकायत की. पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी अजित और मनोज ने आरोपी जॉन को कॉरियर से व्हेल मछली की उल्टी भेजी. आरोपी जॉन इस उल्टी को गैरकानूनी तरीके से बाजार में बेचने वाला था.
पुलिस कमिश्नर कृष्णप्रकाश ने कहा कि पिंपरी-चिंचवड पुलिस की क्राइम ब्रांच की यूनिट के एक सदस्य को इसकी जानकारी मिल गई थी. पुलिस ने मोशी टोलनाका के पास आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और आरोपी जॉन को पकड़ने में कामयाब हो गई. जॉन के पास से 1 करोड़ 10 लाख रुपये की कीमत की व्हेल मछली की उल्टी बरामद की गई. इस उल्टी का वजन 550 ग्राम है. इस मामले में आगे की जांच पुलिस निरीक्षक वर्षारानी पाटील कर रही हैं.
व्हेल मछली की उल्टी को तैरता हुआ सोना कहा जाता है. दरअसल इसमें अल्कोहल होता है. व्हेल की उल्टी का इस्तेमाल परफ्यूम इंडस्ट्री द्वारा किया जाता है. इससे परफ्यूम की खुशबू ज्यादा समय तक कायम रहती है. हालांकि, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह व्हेल मछली का मल होता है या उल्टी होती है. लेकिन जब यह ताजी होती है तो इसका गंध मल जैसा होता है. धीरे-धीरे यह मिट्टी की तरह होने लगती है. फिर पानी में रहकर यह ठंडी हो जाती है और चट्टान की तरह दिखाई देने लगती है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी बहुत मांग है. इसे पाने के लिए कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से व्हेल मछली का शिकार करते हैं और इसकी तस्करी करते हैं. व्हेल प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है. इसका शिकार करना या इसके अंगों का व्यापार करना गैरकानूनी है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Famous Hanuman Temples: भारत के 10 प्रसिद्ध हनुमान मंदिर और उनका इतिहास जानिए
-
Online Bhagavad Gita Benefits: ऑनलाइन भगवद गीता का प्रचार से विश्व को मिलने वाले 5 बड़े फायदे
-
Feeding the Hungry: सनातन धर्म में भूखों को खाना खिलाने का क्या है महत्व
-
Mangalwar Ke Upay: हनुमान जी को करना चाहते हैं खुश? बस मंगलवार के दिन कर लें इनमें से कोई भी 1 उपाय