Eknath Shinde Attacked On Uddhav Thackrey: महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव 20 नवंबर, 2024 को हुआ और 23 नवंबर को चुनावी नतीजों की घोषणा की गई. महायुति ने चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल कर प्रदेश में अपनी सरकार बनाई. बीजेपी, शिवसेना (शिंदे), एनसीपी (अजित पवार) की पार्टी महायुति में शामिल है.
शिंदे ने ठाकरे पर किया जुबानी हमला
वहीं, कांग्रेस, शिवसेना (ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) की पार्टी ने मिलकर महाविकास अघाड़ी बनाया है. वहीं, 288 विधानसभा सीटों में से महायुति ने 230 सीटों पर जीत हासिल की. इस जीत के बाद भले ही एकनाथ शिंदे दोबारा से महाराष्ट्र के सीएम नहीं बने, लेकिन उन्होंने विपक्ष को यह जवाब जरूर दे दिया कि वहीं असली शिवसेना है.
ठाकरे को छोड़ शिंदे गुट में शामिल हो रहे नेता
विधानसभा में शिंदे गुट ने 57 सीटों पर जीत हासिल की तो ठाकरे गुट ने महज 20 सीटों पर जीत दर्ज की. इस चुनाव से पहले यह कहा जा रहा था कि जो भी गुट जनता का भरोसा जीतेगी, वहीं असली शिवसेना कहलाएगा. शिंदे ने ठाकरे गुट को चुनाव में हराकर खुद को साबित किया और उसके बाद से ही शिंदे अपनी पार्टी को बार-बार असली शिवसेना बता रहे हैं.
जनता ने मुहं पर तमाचा मारा- शिंदे
इस बीच प्रदेश से लगातार यह खबरें आ रही है कि ठाकरे गुट के कई नेता शिंदे के साथ आ रहे हैं. जिस पर रविवार को जवाब देते हुए शिंदे ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता उनके साथ जुड़ रहे हैं, जो उनकी पार्टी की मजबूती को दर्शाता है. साथ ही उन्होंने यहभी कहा कि जिसने भी निर्वाचन आयोग और उच्चतम न्यायालय के फैसले की निंदा की थी, जनता ने उन्हें सबक सिखाया. यह विरोधियों के मुंह पर तमाचा है.
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विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान शिंदे ने कहा था कि अगर महायुति 200 से कम सीटें जीतती है तो वह अपने गांव जाकर खेती करेंगे, लेकिन चुनाव में महायुति ने 230 सीटों पर जीत हासिल की. इसके साथ ही शिंदे ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे को भी याद कर कहा कि उनके विचारों ने ही वर्षों से शिवसेना को आकार दिया है.
BMC चुनाव में होगा 'खेला'
इस साल प्रदेश में बीएमसी का चुनाव होने वाला है. शिवसेना का पिछले 25 सालों से बीएमसी चुनाव में दबदबा रहा है. शिवसेना का दो गुटों में विभक्त होने के बाद यह पहला बीएमसी चुनाव होगा. इस बार बीएमसी के चुनाव में बीजेपी अपना मेयर बनाने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है. अब देखना दिलचस्प होगा कि बीएमसी के चुनाव में ठाकरे अपनी ताकत दिखा पाते हैं या नहीं.