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उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर शिवाजी यूनिवर्सिटी का नाम बदलने की मांग की

बैठक में निर्णय लिया गया कि कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर सु्प्रीम कोर्ट में फास्ट ट्रैक सुनवाई के प्रयास किए जाएंगे

Updated on: 07 Dec 2019, 10:01 PM

मुंबई:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को मुंबई में उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में कई अहम मुद्दे रखे गए. हालांकि, बैठक में सबसे बड़ा मु्द्दा सीमा विवाद का रहा. कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद का मुद्दा बैठक में मुख्य रूप से छाया रहा. बैठक में निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे पर सु्प्रीम कोर्ट में फास्ट ट्रैक सुनवाई के प्रयास किए जाएंगे. बैठक में सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर एकनाथ शिंदे और छग्गन भुजावल को कोर्डिनेटिंग मिनिस्टर नियुक्त किया गया.

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वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी लिखकर उन्होंने राज्यपाल से शिवाजी यूर्निवर्सिटी कोल्हापुर का नाम बदलने के लिए निवेदन किया है. उन्होंने कहा कि शिवाजी यूनिवर्सिटी का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज यूनिवर्सिटि कोल्हापुर करने की मांग की है.

वहीं इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रिव्यू मीटिंग की थी. यह बैठक राज्य में चल रहे विकासकार्य परियोजना को लेकर की गई थी. उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में हम किसी भी प्रकार के प्रोजेक्ट पर रोक नहीं लगा रहे हैं, बल्कि महाराष्ट्र में हो रहे प्रोजेक्ट को आगे कैसे बढ़ाया जाए उस पर और ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अपने चुनिंदा मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. बैठक में मेट्रो प्रकल्प के अब तक हुए कामों का जायज़ा लिया. आरे कार शेड के लिए एसआरपीएफ ग्राउंड को पर्याय रूप से रखने की बात भी बैठक में की गई थी. साथ ही मुंबई मेट्रो और समृद्धी प्रकल्प का जायज़ा लिया. काम कितना हुआ और कितना बाकी है, इसपर चर्चा हुई. इन कामों को आगे कैसे ले जाया जाए इसपर भी बैठक में चर्चा हुई.

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वहीं जयंत पाटिल ने भी बयान देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में हम किसी भी प्रकार के प्रोजेक्ट पर रोक नहीं लगा रहे हैं, बल्कि महाराष्ट्र में हो रहे प्रोजेक्ट की गति कैसे बढ़ाया जाए उस पर और ध्यान दिया जा रहा है. प्रोजेक्ट को कैसे जल्द से जल्द कर सकते हैं. ये सारे चीजों पर हम रिव्यु बैठक किए हैं. वहीं बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने बैठक में किसी भी प्रोजेक्ट पर कोई बैन नहीं लगाया. उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक बुलेट ट्रेने परियोजना पर कोई निर्णय नहीं लिया, लेकिन सभी विकासात्मक प्रोजेक्ट पर जल्द क्रियान्वयन पर जोर दिया जाएगा. वहीं उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछली सरकार ने भीमा कोरेगांव मामले के मामलों को वापस लेने का आदेश दिया था. सबसे पहले, हम यह मान रहे हैं कि क्या इसे लागू किया गया था.