महाराष्ट्र में कोरोना की रफ्तार धीमी! उद्धव ठाकरे ने लोगों को किया थैक्यू...फिर जताई नाराजगी
महाराष्ट्र में कोरोना केस को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि आपलोगों ने मेरे आग्रह को माना इसलिए आज महाराष्ट्र में हम कोरोना पर लगाम लगाने में कुछ हद तक कामयाब हुए हैं.
मुंबई:
महाराष्ट्र में कोरोना केस को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि आपलोगों ने मेरे आग्रह को माना इसलिए आज महाराष्ट्र में हम कोरोना पर लगाम लगाने में कुछ हद तक कामयाब हुए हैं. हालांकि उद्धव ठाकरे ने इस दौरान कुछ लोगों पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की.
उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं कई बातों को लेकर आप सभी से खुश जरूर हूं, लेकिन कुछ बातों को लेकर नाराज भी हूं. अभी भी मैं देख रहा हूं कि कई लोग जब बाहर निकलते है,तो मास्क उनके मुंह पर नहीं होता है, क्या है ये. मेरा निवेदन है कि इस तरह की लापरवाही कोई भी नहीं करे.
उन्होंने आगे कहा कि कई लोगों ने कहा कि रात में कर्फ्यू लगाओ, क्या करना है. दीवाली में भी पटाखे को लेकर कई लोगों ने मुझे कहा कानून बनाओ लेकिन नहीं बनाया. आप सभी साथ दे रहे है, लेकिन एक बार वापस कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है. एक बार फिर से आपलोगों से अनुरोध कर रहा हूं कि बिना जरूरत घर से बाहर ना निकले. हमेशा कठोर नियम से काम नहीं बनता है.
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26/11 हमले को याद करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि 4 दिन बार 26 नवंबर है. वो भी एक मुश्किल समय था. हमारे कमांडरों ने सभी आतंकियों मार गिराया. जब-जब संकट आया है, तब-तब हमारी जीत हुई है. कल हुतात्मा चौक पर गया था,वहां पर जाकर जिन्होंने मुम्बई को बचाया, उन्हें श्रद्धांजलि दीय
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि 26 नवंबर एक अलग महत्व है जो पाकिस्तान के आतंकी घुसे थे वहीं उन्हें घुस कर मारा , मतलब जब जब हमने लड़ाई लड़ी है और तब हम जीते है.
अब यही इतिहास हमें कोरोने के लिए भी दोहराना है. हमें कोरोना के खिलाफ जंग लड़ना है. त्योहार मनाना चाहिए ,लेकिन संयम के साथ. गणपति, दशहरा और दिवाली हमने संयम के साथ मनाया. सारे त्योहार संयम के साथ मनाए गए. दशहरा रैली हमने भीड़ में नहीं बल्कि संयम के साथ किया. क्योंकि अगर सीएम के नाते मैं नियम को नहीं मानूंगा तो कौन मानेगा.
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इस बार शिवसेना की दशहरा रैली भी हमने वीर सावरकर हॉल में की. सावधानी को ध्यान मे रखकर. इस बार मैंने दशहरा रैली शिवतीर्थ पर नहीं किया, क्योंकि संकट का समय है, मैं सभी को सावधान रहने के लिए कह रहा हूं. भीड़ जुटाने की जरूरत नहीं है. सावधानी बरते.
उन्होंने आगे कहा कि मैंने मंदिर, मस्जिद समेत तमाम धार्मिक स्थान खोल दिए हैं. आप सब से गुजारिश हैं कि दर्शन करें लेकिन भीड़ ना करें. उन्होंने बताया कि हमने अभी स्कूल नहीं खोले हैं. क्योंकि अगर शिक्षक को कोरोना हुआ तो छात्र को भी हो सकता है. यह मेरी जिम्मेदारी है कि इसमें राजनीति नहीं करना. जैसे-जैसे वक्त आएगा हम हर चीज शुरू कर रहे हैं.
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