महाराष्ट्र के मंत्री बोले- उद्धव ठाकरे सरकार मुस्लिमों को देगी आरक्षण, इसके लिए करेगी ये काम
देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बीच महाराष्ट्र की सरकार ने यह साफ किया था कि वह इस कानून के खिलाफ विधान सभा में बिल नहीं लाएगी.
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बीच महाराष्ट्र की सरकार ने यह साफ किया था कि वह इस कानून के खिलाफ विधान सभा में बिल नहीं लाएगी. जहां कांग्रेस की सरकार वाले राजस्थान और अन्य राज्यों में इस कानून के खिलाफ बिल पेश कर पारित कराए जा रहे हैं, वहीं उसके गठबंधन वाले महाराष्ट्र सरकार की न के बाद अब सूबे में मुस्लिमों के लिए आरक्षण की चर्चा थी. इस बीच महाराष्ट्र के एक मंत्री ने मुस्लिम आरक्षण की बात पुष्टि कर दी.
महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता असलम शेख ने कहा कि महाराष्ट्र की महा विकास अगाड़ी (MVA) सरकार जल्द ही मुस्लिम आरक्षण लाने वाली है, क्योंकि यह एमवीए के सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम का एक हिस्सा था. सूत्रों की मानें तो मुसलमानों के लिए नौकरियों और प्रमोशन में आरक्षण शिवसेना के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के एजेंडे में है. सूत्रों ने दावा किया कि उद्धव कैबिनेट की पिछली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा भी हुई.
गौरतलब है कि साल 2014 से पहले जब महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, तब मराठा के लिए 16 और मुसलमानों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान ऑर्डिनेंस लाकर किया गया था. चुनाव हुए तब भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन की सरकार सत्ता में आ गई. नई सरकार ने मराठा आरक्षण बरकरार रखा, लेकिन आरक्षण पर मुसलमानों के लिए कोई कदम नहीं उठाया था. इसके बाद यह अध्यादेश लैप्स हो गया था.
Maharashtra Minister and Congress leader Aslam Sheikh: Maharashtra's Maha Vikas Aghadi (MVA) government to soon bring Muslim reservation as it was a part of MVA's common minimum programme
तब भाजपा के साथ शिवसेना सत्ता में साझीदार थी, जब मुस्लिम आरक्षण के लिए अध्यादेश लैप्स हो गया था. हालांकि, इसके बाद शिवसेना ने पिछले दिनों कई बार मुस्लिम आरक्षण का राग अलापा था. बता दें कि उद्धव ठाकरे की सरकार में मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने सीएए के खिलाफ राज्यों में विधानसभा से पारित कराए जा रहे प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. मलिक ने साफ किया था कि सीएए राज्यों के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. जो राज्य इस कानून को लागू नहीं करने की बात कह रहे हैं, वह जनता की भावनाओं से खेल रहे हैं.