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मुख्यमंत्री पद बचाने के लिए उद्धव ठाकरे ने मांगी मदद तो PM मोदी बोले- देखते हैं...

सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को गवर्नर कोटे से एमएलसी बनाए जाने के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की एंट्री हो गई है.

Updated on: 29 Apr 2020, 11:31 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के बीच महाराष्ट्र में सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है. सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को गवर्नर कोटे से एमएलसी बनाए जाने के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की एंट्री हो गई है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री उद्धव मोदी से मदद मांगी है तो पीएम मोदी ने भी इस मामले को देखने की बात कही है.

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आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने सीएम उद्धव ठाकरे को एमएलसी नामित करने के लिए कैबिनेट से दो बार प्रस्ताव पास कर भेजा है, लेकिन इस पर अभी तक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कोई फैसला नहीं लिया है. ऐसे में उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर खतरा मंडराता दिख रहा है. ,सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल कोटे से एमएलसी नामित करने के संदर्भ में पीएम नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है. उन्होंने कहा- अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा. इस पर पीएम मोदी ने कहा- वो इस मामले को देखेंगे और अधिक जानकारी लेंगे.

गौरतलब है कि मंगलवार को सीएम उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने के प्रस्ताव को लेकर महाविकास अघाड़ी (MVA) का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिला था. इस प्रतिनिधिमंडल में डिप्टी सीएम अजीत पवार, एकनाथ शिंदे, छगन भुजबल, सुभाष देसाई, बालासाहेब थोरात और अनिल परब शामिल रहे.

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इस मामले में स्टेट कैबिनेट ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को दूसरा रिमाइंडर भेजा था, जिसमें सीएम उद्धव ठाकरे को विधानसभा के ऊपरी सदन यानी विधान परिषद में नामित करने का आग्रह किया. इस संबंध में 11 अप्रैल को पहला पत्र भेजा गया था. हालांकि, राज्यपाल ने अभी तक मंत्रिमंडल की सिफारिश पर कोई फैसला नहीं किया है.

ऐसे में राज्यपाल प्रस्ताव को अस्वीकार कर देते हैं तो उद्धव ठाकरे के पास दो ही विकल्प होंगे. पहला 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के तुरंत बाद चुनाव आयोग विधान परिषद की खाली पड़ी सीटों के लिए इलेक्शन का ऐलान करे और 27 मई से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर रिजल्ट घोषित करे, ताकि सीएम निर्वाचित सदस्य के रूप में सदन के सदस्य बन सकें. हालांकि, कोरोना संकट के चलते चुनाव होना नामुमकिन लग रहा है.